पटना: बिहार का सबसे लोकप्रिय चार दिवसीय महापर्व छठ शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छठ के अवसर पर प्रदेश एवं देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि लोक आस्था का यह महापर्व आत्म अनुशासन का पर्व है, जिसमें लोग आत्मिक शुद्धि और निर्मल मन से अस्ताचल और उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
मुख्यमंत्री ने लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर भगवान भास्कर से राज्य की प्रगति, सुख, समृद्धि, शांति और सौहार्द्र के लिये प्रार्थना की तथा राज्यवासियों से अपील की है कि वे इस महापर्व को मिल-जुलकर आपसी प्रेम, पारस्परिक सद्भाव और शांति के साथ मनायें।
महापर्व छठ के प्रथम दिन आज प्रातः व्रती अपने परिवार के सदस्यों के साथ राजधानी पटना के समीप से गुजर रही गंगा नदी के विभिन्न घाटों सहित प्रदेश की अन्य नदियों के घाटों व तालाबों के किनारे पहुंचे तथा स्नान एवं सूर्य उपासना के साथ नहाय-खाय की रस्म पूरी की। नहाय-खाय के दौरान व्रती अरवा चावल का भात, चने की दाल, कद्दू की सब्जी तथा धनिया के पत्ते की चटनी का भोग लगाते हैं।
सूर्य उपासना के इस पावन पर्व पर नहाय-खाय के अगले दिन यानी शनिवार को व्रतियों द्वारा निर्जला उपवास रखकर खरना किया जाएगा। खरना में दूध, अरवा चावल व गुड़ से बनी खीर एवं रोटी का भोग लगाया जाता है। खरना के बाद व्रतियों का 36 घंटों का निर्जला उपावास शुरू हो जाएगा जो कि 19 नवंबर को रविवार की शाम अस्ताचल गामी सूर्य और 20 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ पूरा होगा।
प्रदेश की राजधानी पटना में इस महापर्व के दौरान व्रतियों और श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को लेकर प्रशासन और पुलिस द्वारा व्यापक स्तर पर प्रबंध किए गए हैं। व्रतियों तथा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन द्वारा 32 टैंकर के माध्यम से घर-घर पवित्र गंगा जल उपलब्ध कराया जा रहा है।