देहरादून: अपर पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश राजा श्रीवास्तव ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी जांचों मेे आर्टिफिशयल इंटेलीजेंसी के उपयोग से क्रांतिकारी बदलाव आये हैं।
शनिवार को यहां 49वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस के प्रथम सत्र 5जी युग में पुलिस व्यवस्था (पुलिसिंग फॉर 5जी ऐरा) के अन्तर्गत हुई चर्चा में राजा श्रीवास्तव, अपर पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश ने बताया कि भ्रष्टाचार विरोधी जांचों में एआई(आर्टिफिशयल इंटेलीजेंसी) के उपयोग से क्रान्तिकारी बदलाव आए हैं। उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक का उपयोग कर अल्प समय में डेटा का विश्लेषण कर जाचों को समय से किया जा सकता है। अपराधियों की डिजिटल बिहेवियर रिपोर्ट जांच में काफी मदद देती है। वर्तमान समय में कई जांचों में फाइनेंसियल, बिहेवियर एनालिसेस का प्रयोग कर अच्छे रिजल्ट मिले हैं, जो साक्ष्यों को न्यायालय में मजबूत आधार प्रदान करते हैं।
उन्होने विशेष रूप से कहा कि कानून प्रवर्तन एजेन्सियों एवं अन्य विभागों के बीच डेटा शेयरिंग भी काफी महत्वपूर्ण है। साइबर सुरक्षा में लॉक एण्ड अनलॉक थ्रेड पर संयुक्त निदेशक, आसूचना ब्यूरो ने प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि पुलिस से संबंधी संस्थाओं के लिए डेटा की सुरक्षा काफी महत्वपूर्ण है। आधुनिक तकनीक के इस युग में साइबर हाइजीन युक्त होने की आवश्यकता है।
उन्होने बताया कि विभिन्न कार्यों हेतु आईपी कैमरा का उपयोग हो रहे हैं। आईपी कैमरा के नेटवर्क को सिक्योर करना साइबर सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू है। बी एस जयसवाल, संयुक्त कमीशनर, दिल्ली पुलिस ने बीग डाटा एनालाइसेस के प्रयोग के आधार पर प्रभावी सीमा प्रबन्धन पर प्रकाश डाला। उन्होंने नई तकनीकों जैसे जीआईसी, जीपीएस, जीओ डॉम उपयोग कर कार्यप्रणाली में सुधार करने हेतु विशेष जोर दिया।