ऋषिकेश: 22 अप्रैल को खुल रहे गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट के लिए शुक्रवार को चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार तीर्थनगरी ऋषिकेश से तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना हो गया। यात्रा को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।
चारधाम यात्रा उत्तराखंड की महत्वपूर्ण यात्रा है। चारधाम यात्रा में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु धामों के दर्शन के लिए पहुंचे हैं। इस वर्ष 22 अप्रैल को अक्षय तृतीय पर्व पर गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुल रहे हैं। जबकि तीन दिन बाद 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम व 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुल जाएंगे।
यात्रा के लिए आज तीर्थनगरी ऋषिकेश से तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना हो गया। यात्रा का श्रीगणेश करने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऋषिकेश पहुंचे और जत्थे को रवाना किया।
चारधाम यात्रा का संचालन करने वाली प्रमुख संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति की ओर से यात्रा के शुभारंभ पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
संयुक्त रोटेशन के अध्यक्ष संजय शास्त्री व कार्यकारी अध्यक्ष मनोज ध्यानी ने बताया कि शुक्रवार को हंस फाउंडेशन के संस्थापक भोले महाराज व मंगला माता की उपस्थिति में प्रातरू साढ़े नौ बजे चारधाम यात्रा का आरंभ किया गया।
चारधाम यात्रा के लिए सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। प्रशासन की ओर से यात्रा की तैयारियों को परखने के लिए गुरुवार को विभिन्न शहरों में माक ड्रिल भी किया गया।
चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में इस बार पहली बार यात्रा ट्रांजिट कैंप से चारधाम यात्रा का संचालन किया जा रहा है।यहां यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड के समीप ही यात्रा ट्रांजिट कैंप तैयार किया गया है, जिसमें तीर्थयात्रियों के लिए पंजीकरण की भी व्यवस्था की गई है। सभी नागरिक सुविधाओं से युक्त यात्रा ट्रांजिट कैंप में चारधाम यात्रा से जुड़े विभिन्न विभागों को भी एक छत के नीचे लाया गया है।