पौड़ी: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भण्डारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार एडीजे कोर्ट में तीनों आरोपियों की शनिवार को पेशी हुई। पुलिस आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लेकर पहुंची। इस दौरान विभिन्न संगठनों द्वारा कोर्ट परिसर के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प होने के कारण कांग्रेस के कई कार्यकर्ता भी गिरफ्तार किए।
कोर्ट ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए है। वहीं, तीनों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार नहीं किया और कोर्ट ट्रायल की प्रार्थना की। जिसके बाद कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 28 मार्च की तिथि तय की है। साथ ही अंकित और पुलकित की जमनात प्रार्थना पत्र की याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी।
बता दें कि, बीती 15 मार्च को अंकिता हत्याकांड मामले में शामिल एक आरोपी सौरभ भास्कर की जमानत याचिका कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खारिज कर दी थी, लेकिन नियमित केस में तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ और अंकित पर आरोप तय करने की तिथि यथावत 18 मार्च रखी गई थी। आज आरोप तय होने के बाद सत्र परीक्षण शुरू हो जाएगा।
गौरतलब है कि बीते वर्ष 18 सितंबर की रात को वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चैकी में अपनी कर्मचारी अंकिता भंडारी के गुमशुदा होने की शिकायत दी थी। करीब तीन दिनों तक इस मामले की ढिलाई से जांच की गई। इसके बाद शासन के निर्देश पर मामले को रेगुलर पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारी बात उगल दी।
उसके बाद खुलासा हुआ तो पता चला कि पुलकित और अंकिता के बीच झगड़ा हुआ था। ऋषिकेश से लौटते वक्त अंकिता और पुलकित के बीच नहर किनारे फिर से विवाद हुआ और इस बीच पुलकित ने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया था। पुलिस ने इस मामले में 22 सितंबर को पुलकित, अंकित और सौरभ को गिरफ्तार कर लिया था।
वनंत्रा रिजार्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट जॉब करने वाली पौड़ी निवासी अंकिता भंडारी पर अनैतिक कार्य के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इस बीच किसी वीवीआईपी की भी रिजार्ट में आने की बात सामने आयी थी। बहरहाल अब मामला न्यायालय में है।