जोशीमठ भू-धंसाव: आपदा प्रबंधन सचिव ने अधिकारियों को मकानों मे पड़ी दरारों की निरंतर मॉनिटरिंग के दिए निर्देश

देहरादून: आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ नगर क्षेत्र की स्थिति का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ भू-वैज्ञानिक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे | आपदा प्रबंधन सचिव ने औली रोपवे तथा शंकराचार्य मठ के निकट के क्षेत्र तथा घरों में पड़ी दरारों का निरीक्षण करते हुए संबंधित अधिकारियों को मकानों मे पड़ी दरारों तथा भू-धंसाव के पैटर्न रूट की निरंतर मॉनिटरिंग की जाने के निर्देश दिए| साथ ही उन्होंने औली रोपवे के टावर पर दरारों की मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए | डॉ सिन्हा ने संबंधित अधिकारियों को दरारों के पैटर्न तथा बढ़ोतरी की निरंतर मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा |

डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान ( एनजीआरआई ) हैदराबाद प्रभावित क्षेत्र का भु-भौतिकीय अध्ययन कर रही है | साथ ही एनजीआरआई अंडर ग्राउंड वाटर चैनल का अध्ययन कर रही है | जिसके बाद एनजीआरआई जियोफिजिकल तथा हाइड्रोलाॅजिकल मैप उपलब्ध कराएगी। यह मैप जोशीमठ के ड्रेनेज प्लान तथा स्टेबलाइजेशन प्लान में काम आएंगे |

आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र की समस्याओं के समाधान की दिशा में हम कदम दर कदम आगे बढ़ रहे हैं। प्रभावित लोगों को त्वरित राहत एवं बचाव पहुंचाना राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। प्रभावित परिवारों को तात्कालिकता के साथ सुरक्षित स्थानों में भेजा जा रहा है। प्रभावित भवनों के चिन्हीकरण का कार्य निरन्तर जारी है।

उन्होंने बताया कि भूवैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों की टीमें भूधसांव के कारणों की जांच के कार्य में लगी है। प्रशासन प्रभावितों के निरन्तर सम्पर्क में है। राहत शिविरों में उनकी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि सीबीआरआई, आईआईटी रुड़की, वाडिया इन्संटीयूट, जीएसआई, आईआईआरएस तथा एनजीआरआई जोशीमठ में कार्य कर रही है |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *