देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा सभी मंडलों को भेजे गए एक पत्र ने विशेष श्रेणी कर्मचारियों के भीतर डर पैदा कर दिया है। दरअसल, इस पत्र में दस साल तक काम कर चुके संविदा कर्मियों की जानकारी मांगी गई है। जिसके बाद से नौकरी पर लगे कर्मचारियों को अब पूर्व के कर्मचारियों के नियमित होने का डर सता रहा है।
हालांकि उत्तरांचल कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने इस पत्र को केवल विधानसभा में पूछे गए एक सवाल से संबंधित बताया है। उन्होंने बताया कि किसी विधायक ने परिवहन निगम में काम कर रहे संविदाकर्मियों की संख्या के संबंध में विधानसभा में अपना सवाल दिया है, जिस पर परिवहन निगम को जवाब तैयार करके संबंधित मंत्री को भेजना है।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के 2017 के आदेश में यह स्पष्ट हो चुका है कि विशेष श्रेणी के चालकों, परिचालकों को संविदा वालों की तुलना में वरिष्ठता एवं उत्तमता प्रदान की जाएगी। जिसका मतलब हैं की हर तरह का लाभ संविदा चालकों परिचालकों के तुलना में विशेष श्रेणी चालकों परिचालकों को पहले प्रदान किया जाएगा।