देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को पुलिस लाईन मैदान में राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में ‘‘मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना‘‘ का शुभारम्भ किया।
बता दें, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना में 08 से 14 वर्ष के उभरते खिलाड़ियों को 1500 रूपये प्रतिमाह की खेल छात्रवृत्ति दी जायेगी। हर कुल 3900 उभरते खिलाड़ियों जिसमें से 1950 बालकों एवं 1950 बालिकाओं को खेल छात्रवृत्ति दी जाएगी।
मुख्यमंत्री द्वारा इस अवसर पर प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए कई घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि खेल विभाग के अन्तर्गत खेल प्रशिक्षकों की कमी को देखते हुए प्रत्येक जनपद के लिए 08-08 विभागीय खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी। खिलाड़ियों को त्वरित नियमानुसार वित्तीय लाभ दिये जाने के लिए मुख्यमंत्री खेल विकास निधि की स्थापना की जायेगी।
उन्होंने आगे कहा कि खेल विभाग, उत्तराखण्ड के कॉन्ट्रैक्ट प्रशिक्षकों को भारतीय खेल प्राधिकरण के कॉन्ट्रैक्ट प्रशिक्षकों को देय मानदेय के अनुसार मानदेय में वृद्धि की जायेगी। मलखंब खेल को भी खेल नीति में शामिल किया जायेगा। पूर्व की भांति राज्याधीन सेवाओं में कुशल खिलाड़ियों को 4 प्रतिशत आरक्षण पुनः लागू किये जाने का प्रयास किया जायेगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मेजर ध्यानचंद जी का जन्मदिन है और आज के दिन हम प्रदेश में “मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना“ प्रारंभ कर रहे हैं। इसके लिये आज से बेहतर दिन हो ही नहीं सकता था। मेजर ध्यानचंद जी ने खेल की दुनिया में भारत को एक पहचान दिलाई थी, वो भी उस समय जब भारत में स्पोर्ट्स का इंफ़्रास्ट्रक्चर इतना नहीं था, खिलाड़ियों को सुविधाएं ना मात्र की थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कुछ समय पहले राज्य के प्रतिभाशाली उभरते खिलाड़ियों के लिए खेल छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया था, हमें खुशी है कि योजना को शुरू कर दिया गया है। हमारी सरकार जो कहती है, वो करती भी है। राज्य में खेलों को बढावा देने के लिए हम हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में खिलाड़ियों को खेल क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करने, भविष्य में उत्तराखण्ड राज्य को खेल क्षेत्र में अग्रणी पंक्ति में स्थापित किये जाने के उद्देश्य से खेल नीति- 2021 लागू की गई। खेल नीति में खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक अर्जित करने पर पूर्व में देय नकद पुरस्कार धनराशि से लगभग 100 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इसी प्रकार प्रशिक्षकों की धनराशि में वृद्धि की गई। दिव्यांग खिलाड़ियों को भी सामान्य खिलाड़ियों की भांति समान अधिकार प्रदान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य खेल पुरस्कार यथा देवभूमि उत्तराखण्ड खेल रत्न, देवभूमि उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कारों के साथ ही हिमालय रत्न खेल पुरस्कार भी प्रदान किया जा रहा है। खिलाड़ियों को राज्य में सरकारी नौकरी प्रदान किये जाने की आउट ऑफ टर्न नियुक्ति की व्यवस्था की गई है। खिलाड़ियों को जमीनी स्तर से खेल क्षेत्र में रूचि लाने के लिए 08 से 23 वर्ष तक के खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति प्रदान किये जाने की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालयों में व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 05 प्रतिशत स्पोर्ट्स कोटा की व्यवस्था की गई है। निजी खेल क्षेत्रों के माध्यम से खेल अवस्थापना सुविधाओं के निर्माण के लिए अनुदान दिये जाने की व्यवस्था की गई है। राज्य के खिलाड़ियों का राज्य परिवहन बसों में निःशुल्क यात्रा किये जाने की व्यवस्था की गई है।
धामी ने कहा कि स्पोर्ट्स कॉलेज रायपुर को अंतराष्ट्रीय स्तर का स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय बनाने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। खेल छात्रावासों के खिलाड़ियों का दैनिक भत्ता 175 रूपए से बढ़ाकर 225 रूपए प्रति छात्र किया गया है। ग्रामीण स्तर पर ओपन जिम के लिये 10 करोड़ रूपए का बजट में प्राविधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी युवा दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ मेहनत करें। राज्य सरकार आपके साथ है। सफलता का एक ही मूल मंत्र है “विकल्प रहित संकल्प“। अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उस लक्ष्य को पाने के लिए जी जान से जुट जाएं। जिस भी फील्ड में जाएं, वहां लीडर बनें। आइये हम अपनी देवभूमि को आदर्श राज्य बनाने के लिए पूरी निष्ठा से अपने-अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।
इस अवसर पर धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव खेल अभिनव कुमार, निदेशक खेल गिरधारी सिंह रावत, संयुक्त निदेशक डॉ. धर्मेन्द्र भट्ट आदि गणमान्य उपस्थित थे।