देहरादून : प्रदेश में बिजली कटौती के विरोध में शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत मौन उपवास पर बैठे। उपवास के बाद उन्होंने कहा कि राज्य में हर दिन आठ से दस घंटे बिजली कटौती की जा रही है। इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। एक सीनियर सिटीजन के नाते, यह उनका गैर राजनीतिक प्रयास है इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।
सरकार अपनी कमियों को देख सके और विद्युत व्यवस्था में जो अव्यवस्था पैदा हो रही है उसको दुरुस्त करें। पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश में कई परियोजनाएं हैं जिनकी यदि साधारण तरीके से समय पर मरम्मत कर ली गई होती तो इस समय पानी की उपलब्धता रहती और इससे विद्युत उत्पादन भी बढ़ता।
साथ ही उन्होंने कहा कि यह ऐसा समय है जब यूपीसीएल को बाहर से भी बिजली खरीदकर व्यवस्था रखनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि लोगों पर जानबूझकर बिजली की कटौती थोपी गई है। बिजली के दाम लगातार बढ़ाए गए। अब बिजली की कटौती और उधर वनों में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। जंगलों में जहां पानी के श्रोत हैं, यदि वो जंगल जल जाएंगे तो उससे पानी के श्रोतों पर भी बुरा असर पड़ेगा।