उत्तराखंड कांग्रेस संगठन में बदलाव , करण माहरा को प्रदेश अध्यक्ष, तो यशपाल आर्य को सौंपी नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी

देहरादून : 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 47 सीटों के साथ दो-तिहाई बहुमत लेकर फिर सत्ता में आई। लेकिन इतना जरूर रहा कि कांग्रेस के विधायकों का आंकड़ा 11 से बढ़कर 19 तक पहुंच गया। पार्टी के इस कमजोर प्रदर्शन का ठीकरा प्रदेश अध्यक्ष के सिर फूटा और गणेश गोदियाल को पद से हटना पड़ा। इसके लगभग एक महीने बाद रविवार को कांग्रेस ने तीनों पदों पर नियुक्ति कर दी। विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार हार के बाद अब कांग्रेस ने उत्तराखंड में पार्टी की कमान पूर्व विधायक करण माहरा को सौंप दी है । प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए माहरा अल्मोड़ा जिले की रानीखेत सीट से विधायक रहे हैं। नेता विधायक दल के रूप में पूर्व मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके यशपाल आर्य को जिम्मेदारी दी गई है। वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाएंगे। इनके अलावा भुवन चंद्र कापड़ी को विधायक दल का उप नेता बनाया गया है।

कांग्रेस ने पिछली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहीं डा इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को इस पद का दायित्व दिया था। प्रीतम सिंह के स्थान पर पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। साथ ही चार कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की गई थी। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस उम्मीद के साथ गई कि पांच साल बाद सत्ता में वापसी करेगी, लेकिन उसकी यह उम्मीद पूरी नहीं हुई।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी पत्र के अनुसार पार्टी अध्यक्ष ने तीनों पदों पर नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है। नए प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा दो बार विधायक रहे हैं। नेता विधायक दल बनाए गए यशपाल आर्य पिछली भाजपा सरकार में मंत्री रहे लेकिन चुनाव से पहले वह कांग्रेस में लौट गए थे। आर्य पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। उप नेता विधायक दल नियुक्त भुवन चंद्र कापड़ी पहली बार विधायक बने हैं। उन्होंने खटीमा सीट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पराजित किया। बताया जा रहा है कि उन्हें इस कारण ही यह अहम जिम्मेदारी दी गई है।

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