देहरादून: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले जहां अखिलेश यादव और शिवपाल यादव ने साथ आकर मुलायम सिंह यादव ने कुनबे में एकता का संदेश दिया था, तो वहीं अब हार के बाद एक बार फिर इनके बीच फूट पड़ गई है। सपा विधानमंडल दल की बैठक में नहीं बुलाए जाने से नाराज हुए शिवपाल यादव ने दिल्ली जाकर बड़े भाई मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की है। इसी बीच, सपा गठबंधन में शामिल सुभासपा चीफ ओपी राजभर ने कहा है कि अखिलेश को उन्हें बुलाना चाहिए था। परिवार में झगड़े तो होते रहते हैं।
एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान राजभर ने बताया कि सरकार की ओर से आज विधायकों के शपथ ग्रहण के कार्यक्रम तय करने की वजह से सपा गठबंधन के विधायकों की बैठक टाल दी गई है। शिवपाल की नाराजगी को लेकर राजभर ने कहा जहां परिवार में सैकड़ों लोग हों, कोई ना कोई नाराजगी होती रहती है। परिवार में कभी-कभी होता है। परिवार में नाराजगी-खुशी तो होती ही है, कभी खुशी कभी गम।
विधायक दल की बैठक में शिवपाल को नहीं बुलाए जाने के सवाल को पहले राजभर ने यह कहकर टालने की कोशिश की, कि उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है। पता नहीं कि क्यों नहीं बुलाया गया। हालांकि, बार-बार पर पूछे जाने पर राजभर ने कहा कि, वह (शिवपाल) सपा के विधायक हैं। सभी को बुलाया जाना चाहिए था। उन्हीं को नहीं, सपा के सिंबल पर जो जीते हैं सभी को बुलाना कानूनी अधिकार है।
क्या वह अखिलेश और शिवपाल के बीच झगड़े को सुलझाने की कोशिश करेंगे? यह पूछ जाने पर राजभर ने हंसते हुए कहा कि उनके घर के झगड़े में हम क्या करने जाएं? दोनों से अच्छे संबंधों की दलील देकर जब पूछा गया कि क्या वह पंच बनेंगे तो सुभासपा प्रमुख ने कहा, ”दोनों लोगों से मिलेंगे, बात करेंगे तो बताएंगे क्या दिक्कत है, क्या बीमारी है। उस बीमारी को ठीक करने की कोशिश की जाएगी। इस देश में हर चीज की दवा बन गई है। हम दोनों से मिलकर जानेंगे कि ऐसी बात क्यों हो रही है। ऐसा नहीं होना चाहिए।”