देहरदुन : दिल्ली निवासी एक महिला को विजिलेंस की टीम ने अल्मोड़ा के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के खिलाफ झूठी शिकायत करने और षडयंत्र रचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में दो अन्य आरोपी जिसमें दिल्ली में तैनात एक आईएएस अधिकारी और उनकी पत्नी भी शामिल हैं, उन्होंने गिरफ्तार से बचने के लिए हाईकोर्ट से स्टे लिया है।
दिल्ली निवासी आशा यादव और चंद्रमोहन सेठी के खिलाफ 2011 में फर्जी दस्तावेजों से जमीन खरीदने के आरोप में अल्मोड़ा कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसके बाद साल 2013 से ये मामला अल्मोड़ा की सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट में चल रहा था। उसके बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिल गया था। साल 2020 में स्टे खारिज होने के बाद इस मामले में अल्मोड़ा की सिविल जज की कोर्ट में सुनवाई होने लगी थी। उस दौरान सिविल जज अभिषेक कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने चंद्रमोहन सेठी और आशा यादव को कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया था।
रिपोर्ट लगकर आई कि चंद्रमोहन सेठी कनाडा चला गया है। इस पर सिविल जज ने चंद्रमोहन की फाइल अलग कर आशा यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था। उसी दौरान आशा यादव ने पति दिल्ली सचिवालय में ज्वाइंट सेकेट्री के पद पर तैनात एवी प्रेमनाथ और कुसुम यादव पत्नी पारस राम यादव के साथ मिलकर जज अभिषेक कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ षडयंत्र रचा।