रैली निकाल, छात्रों ने दिया नशा मुक्ति का संदेश

हल्द्वानी: राजकीय इंटर कॉलेज राजपुरा के छात्रों ने बुधवार को रैली निकालकर आम जनता को नशा मुक्ति का संदेश दिया। रैली का संचालन शिक्षक लाल सिंह वाणी ने किया।

इस दौरान प्रधानाचार्य कंचन जोशी ने छात्रों को नशे से होने वाले नुकसान के विषय में विस्तृत जानकारी दी। वहीं आगाह किया कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए नशे का हर रूप नुकसानदायक होता है।

राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री सोहन माजिला ने बच्चों को बताया कि नशे के अवैध कारोबार से बनाया गया पैसा आतंकवाद को बढ़ावा देने में प्रयोग किया जाता है। नशे से दूर रहना अति आवश्यक है।

रैली के दौरान सुरेश भट्ट, गिरीश जोशी, राजीव जोशी, धर्मेंद्र पनेरु, अमीरुद्दीन, विमला जोशी, प्रकाश रौतेला, शत्रुघ्न केवट आदि शिक्षक भी मौजूद रहे।

-कुछ खास

देश के करीब 4 फीसदी लोगों में शराब, सिगरेट, अफीम, गांजा, भांग, तंबाकू का नशा करने की बुरी आदत है। समय रहते इनपर काबू पाकर शरीर पर होने वाले दुष्प्रभावों से बचाया जा सकता है। नशा छोड़ने पर व्यक्ति में एंटी क्रेविंग एजेंट ;शरीर में बेचैनी, मन अशांत रहना, नींद न आना व व्याकुलता बढ़ने के लक्षण दिखाई देते हैं।

इनके आधार पर दवा दी जाती हैं। नशा छोड़ने के लिए व्यक्ति में मजबूत इच्छा शक्ति, परेशानियों को सहन करने की ताकत होनी चाहिए। परिवार.दोस्तों का साथ रोगी का मनोबल बढ़ाता है।

-ये हैं खास लक्षण

आमतौर पर नशा छोड़ने पर रोगी को घबराहटए बेचैनीए चिड़चिड़ापनए गुस्सा आना, तनाव, थकान, निर्णय लेने में दिक्कत होना, नींद न आना, सिरदर्द, शरीर में ऐंठन, भूख न लगना, धड़कन बढ़ना और ज्यादा पसीना आने जैसी तकलीफ होती है। लक्षण कम न हों तो डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

इलाज शराब.सिगरेट का नशा करने वाले जब इन्हें पीना बंद करते हैं तो 24.48 घंटे में बेचैनी व बदन दर्द होता है। नशीले पदार्थों की लत छुड़ाने के लिए निकोटीन से बनी च्वुइंगम, दवा व इंहेलर देते हैं। 6.12 माह तक दवाओं का कोर्स चलता है। आयुर्वेद में मेडिटेशन, योग व प्राणायाम करने की सलाह देते हैं। होम्योपैथी के अनुसार नशे की लत से पाचनतंत्र खराब होता है। मसालेदार चीजें न खाएं।

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