देहरादून: उत्तराखंड स्थित चार पसिद्ध धामों में तीन धाम केदारनाथ, गंगांत्री और यमुनोत्री के शीतकालीन कपाट बंद होने के बाद बदरीनाथ धाम यात्रा बीस नवंबर तक जारी है। जिसके तहत ऋषिकेश स्थित चारधाम यात्रा बस टर्मिनल पर सभी विभाग, जैसे चिकित्सा, पुलिस, परिवहन, पर्यटन, देवस्थानम, नगरनिगम, हेल्प डेस्क अभी भी कार्यरत हैं। वहीं हरिद्वार एवं ऋषिकेश यात्रा बस अड्डे से तीर्थयात्रीयों का लगातार बदरीनाथ धाम यात्रा के लिए रवाना होना जारी है।। जिसको लेकर बदरीनाथ धाम में सभी ब्यवस्थायें सुचारू रखी गई हैं।
इसके अलावा केदारनाथ भगवान की पंचमुखी उत्सव मूर्ति छः नवंबर को कपाट बंद होने के बाद विगत सोमवार आठ नवंबर को पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में स्थापित होते ही भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजाएं शुरू चुकी हैं।
चारों धाम के तीर्थ पुरोहितों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कपाट बंद होने के बाद परंपरागत रूप गंगोत्री धाम की शीतकालीन पूजाएं गद्दीस्थल मुखबा(मुखीमठ) तथा यमुना जी की शीतकालीन पूजाएं खरसाली (खुशीमठ) में संपन्न हो रही हैं। वहीं बदरीनाथ केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री में कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन गद्दी स्थलों में छः माह शीतकालीन पूजाएं होती हैं।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि आज तक चार लाख तिरासी हजार से अधिक तीर्थयात्री उत्तराखंड चारधाम दर्शन को पहुंचे हैं। बताया कि केदारनाथ धाम सहित गंगोत्री.यमुनोत्री जी के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये है। वहीं 20 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट 22 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद होंगे व 25 नवंबर को मद्महेश्वर मेला आयोजित होगा।