उत्तराखंड मे होमगार्ड के पदों की संख्या बढ़ाने पर वित विभाग की अड़चन

देहरादून: प्रदेश में होमगार्ड के पदों की संख्या बढ़ाने के मामले में अड़चन आ गयी है। शासन ने अभी होमगार्ड के नए पदों पर भर्ती करने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है। शासन का कहना है कि आवश्यकता पड़ने पर ही होमगार्ड के नए पदों पर भर्ती को विचार किया जाएगा।

प्रदेश में होमगार्ड की भूमिका बेहद अहम है। वर्तमान में इनके 6500 पद स्वीकृत हैं। होमगार्ड आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के साथ ही यातायात, आपदा प्रबंधन, चारधाम यात्रा और चुनावों में सक्रिय भूमिका में रहते हैं। वही दूसरी तरफ विभागों में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नई भर्ती न होने के कारण अधिकांश स्थानों पर होमगार्ड ही यह जिम्मेदारी निभाते हैं।

दिसंबर 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने होमगार्ड के इन कार्यों को देखते हुए होमगार्ड मुख्यालय में हुई रैतिक परेड के दौरान इनकी संख्या 10 हजार करने की घोषणा की थी। जिसके बाद प्रदेश सरकार द्वारा तीन हजार नए पदों पर भर्ती को स्वीकृति दी जानी थी। केंद्र से तो इसकी मंजूरी तो मिल गई लेकिन मामला इनके प्रशिक्षण को केंद्र सरकार से मिलने वाले 25 फीसद केंद्रांश पर अटका हुआ था।

इस बीच प्रदेश में होमगार्ड के साथ ही उपनल और प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के जरिये भी विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के तौर पर तैनाती दी जाने लगी। वर्तमान मे तकरीबन 20 हजार से अधिक उपनल कर्मी विभिन्न विभागों में सेवा दे रहे हैं।

अब होमगार्ड का मानदेय भी बढ़ गया है। वित्त विभाग ने इन पर आने वाले खर्च को देखते हुए फिलहाल नए पद बढ़ाने की सहमति नहीं दी है। यह भी कहा गया है कि अभी 6500 स्वीकृत पदों के सापेक्ष 5500 से कुछ अधिक ही होमगार्ड विभिन्न विभागों में सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में अभी नए पद बढ़ाना सही नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *