देहरादून: प्रदेश में मॉनसून लगातार सक्रिय है। भारी बारिश के कारण शुक्रवार 30 जुलाई तक प्रदेश में 154 छोटे-बड़े मार्ग बंद हैं, जिन्हें खोलने की कार्रवाई लगातार जारी है। देहरादून में 24, चमोली में 47 व पौड़ी में 27 मोटर मार्ग मलबा आने से बंद हैं।
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम देहरादून से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में बड़े राजमार्ग और छोटे ग्रामीण मार्गों को मिलाकर कुल 154 सड़कें बंद हैं। हालांकि इन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है। वहीं, जिलों के सड़कों की स्थिति और राजमार्गों की स्थिति पर नजर डाली जाए तो उत्तरकाशी में ऋषिकेश-गंगोत्री नेशनल हाईवे एनएच-108 धरासू और हल्गुगाड़ के पास मलबा आने के कारण बंद है।
वहीं ऋषिकेश यमुनोत्री नेशनल हाईवे-94 धरासू-कल्याणी के पास मलबा आने के कारण बंद है। लमगांव-घनसाली-तिलवाड़ा मोटर मार्ग साडा के पास 18 जुलाई को बादल फटने के कारण पुल क्षतिग्रस्त हुआ था। यहां पुल बनाने की कार्रवाई जारी है।
देहरादून जिले में 4 राज्य मार्ग, 1 जिला मार्ग और 24 ग्रामीण मोटर मार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध हैं। इन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है।चमोली जिले में ऋषिकेश-बदरीनाथ एनएच-58 श्रीनगर के पास मलबा आने के कारण बंद है। इसके अलावा चमोली में 47 ग्रामीण मोटर मार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध हैं, जिन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है। रुद्रप्रयाग में एनएच-107 खोला जा चुका है। पौड़ी जिले में 1 राज्य मार्ग और 27 ग्रामीण सड़कें भी अलग-अलग जगहों पर बंद हैं, जिन्हें खोलने की कार्रवाई लोक निर्माण विभाग द्वारा की जा रही है।
टिहरी जिले में 7 ग्रामीण मोटर मार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध हैं। टिहरी बांध भी अपने अधिकतम जलस्तर 830 मीटर से नीचे 795.20 मीटर पर है। बागेश्वर जिले में 8 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं, जिन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है। नैनीताल जिले में 4 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं।
अल्मोड़ा जिले में 3 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं, जिन्हें खोलने में संबंधित विभाग जुटा है। उधम सिंह नगर की कोई भी सड़क अवरुद्ध नहीं है, लेकिन जनपद में बारिश हो रही है।चंपावत जिले में टनकपुर चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-9 स्वाला और भरतोली के पास भूस्खलन होने की वजह से बंद है। इसके अलावा 1 राज्य मार्ग, 3 अन्य ग्रामीण मोटर मार्ग भी यातायात के लिए अवरुद्ध हैं। जिन्हें खोला जा रहा है।
पिथौरागढ़ में 2 बॉर्डर रोड, 1 राज्य मार्ग और 11 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं, जिन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है। वहीं, हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर 292.50 मीटर पर है, जबकि खतरे का स्तर 294।00 मीटर है।