देहरादून: योगतत्वम संस्थान के दोवारा योग शिक्षा से लाभ के बारे में लोगों को जागरूक किया| आज हुई प्रेस वार्ता के दोरान योगतत्वम संस्थान द्वारा अवगत कराया गया की योगतत्वम की स्थापना राज्य बनने के वर्ष मैं ही हुई थी। कोरोना काल के समय शिक्षकों के माध्यम से योग द्वारा कायाकल्प के बारे में जागरूकता प्रदान कि गयी| कोरोना काल के दोरान योगतत्वम कायाकल्प के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ करवा रहा है।
योगतत्वम संस्थान द्वारा बताया गया कि जेल में कैदियों को भी योगाभ्यास करवाया जा रहा हैं। महिला दिवस पर महिला कैदियों को संस्थान के महिला प्नशिक्षक द्वारा योगभ्यास करवाया गया।
छात्र-छात्राओं को भी विधालयों में संस्थान योगाभ्यास करवाना चाहते हैं। योगत्वम चाहता है कि विधालयों में योग की शिक्षा दी जाय साथ ही विधार्थियों को प्रशिक्षित कर उन्हें प्रमाणपत्र पर्दान किये जायें। शिक्षा नीति में योग के साथ चरित्र निर्माण पर जोर दिया जाय, साथ ही सहनशीलता के लिए मन का विकास किया जाय।
21 जून योग दिवस सिर्फ दिवस बनकर न रह जाय इसके लिए लगातार योग की शिक्षा दी जानी चाहिए। राज्य सरकार और मुख्यमंत्री से संस्थान द्वारा अनुरोध किया गया कि योग को अपनी शिक्षा नीति में शामिल करे। योगतत्वम द्वारा भविष्य में नगर पालिका और नगर निकाय के अध्यक्षों से भी संपर्क किया जयेगा और योग के लिए कार्य करने के लिए अनुरोध किया जायेगा। इस अवसर पर डा० हिमाँशु सारस्वत, एडवोकेट त्रिशला मलिक, रश्मी सारस्वत और नीरज नौडियाल आदि मोजूद थे।