देहरादून: महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने गुरुवार को विधान सभा के सभा कक्ष में आंगनबाडी कार्यकत्री और सहायिकाओं के संगठनों साथ बैठक की। बैठक संगठन के सदस्यों ने आंगनबाडी कार्यकत्री, मिनी कार्यकत्री और सहायिकाओं के वेतन, मानदेय में वृद्वि की मांग पर चर्चा की। जिसके तहत मंत्री ने आश्वाशन दिया कि इससे सम्बन्धित प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जायेगा।
बैठक में विभिन्न आंगनबाडी संगठनों के सदस्यों ने मंत्री के सम्मुख अपनी समस्या बताते हुए कहा कि मिनी आंगनबाडी केन्द्र पर कार्य करने वाली आंगनबाडी कार्यकत्री को कभी.कभी अधिक जनसख्या पर कार्य करना पडता है, इसलिए यहॉ सहायिका का पद भी दिया जाय। इस पर मंत्री ने कहा कि किन.किन स्थलों पर अधिक जनसंख्या के अनुपात पर मिनी आंगनबाडी कार्यकत्री कार्य कर रही है इसके लिए एक सर्वे कर इसकी सूची तैयार की जायेगी ताकि पुनः समायोजन किया जा सके।
वहीं आंगनबाडी के विभिन्न संगठनों ने शीतकालीन.ग्रीष्म कालीन अवकाश के मॉग की। जिसको लेकर अन्य राज्यों का अध्ययन करने के मंत्री द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिये गये। आंगनबाडी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं को चिकित्सा अवकाश लेने के सम्बन्ध में मंत्री ने कहा कि पदोन्नति के समय उनकी सर्विस को ब्रेक नहीं समझा जायेगा।
संगठन के सदस्यों ने बताया कि जनपद में नियमित कार्य के अलावा अन्य सरकारी कार्यो में भी ड्यूटी लगाई जाती है। कई बार एक आंगनबाडी कार्यकत्री को अनेक कार्यालय द्वारा डयूटी के आदेश प्राप्त होते है। इस पर मंत्री रेखा अर्य ने सचिव को निर्देश दिये कि जिलाधिकारियों को पत्र लिखा जाय कि सभी ड्यूटी जिला कार्यक्रम अधिकारी के माध्यम से लगायी जाए ताकि ड्यूटी को तार्किक आधार पर लगाया जा सके।
इसके अलावा महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री ने कोरोना अवधि में आंगनबाडी कार्यकत्रियों के योगदान की सराहना की। कहा कि आंगनबाडी कार्यकत्रियों को नन्दा देवी गौरा योजना से लाभान्वित करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जायेगा वहीं महालक्ष्मी किट का लाभ भी दिया जायेगा।
बैठक में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के सचिव, हरी चन्द्र सेमवाल, कार्यकारी निदेशक एस के सिंह, उप निदेशक अखिलेश मिश्रा, भारती तिवारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।