उत्तराखंड की सीमांत नीती घाटी में स्थित टिम्मरसैंण महादेव गुफा इन दिनों भक्तों की आस्था का केंद्र बनी हुई है। यहां प्राकृतिक रूप से बनी बर्फ की शिलाओं ने शिवलिंग का दिव्य आकार ले लिया है। भगवान शिव के इस बर्फानी स्वरूप के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु गुफा तक पहुंच रहे हैं।
प्रकृति का अद्भुत रूप—बर्फ से बना शिवलिंग
भारत-चीन सीमा के पास बसे नीती गांव के समीप स्थित टिम्मरसैंण गुफा हर साल सर्दियों में प्राकृतिक चमत्कार का केंद्र बन जाती है। तापमान गिरते ही गुफा के भीतर बर्फ जमने लगती है और कुछ ही दिनों में यह बर्फानी शिवलिंग का रूप ले लेती है। भक्त इसे बाबा बर्फानी के दर्शन मानकर पूजा-अर्चना करते हैं।
यह दिव्य स्वरूप दिसंबर से मार्च तक देखा जा सकता है।
देशभर से उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़
गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए न सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि देशभर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
हैदराबाद से आए श्रद्धालु अभिषेक और मोनिका ने बताया कि उन्होंने यहां बनने वाले बर्फानी शिवलिंग के बारे में बहुत सुना था और इस वर्ष उन्हें यहां आकर प्रत्यक्ष दर्शन करने का सौभाग्य मिला।
वहीं गमशाली गांव के रघुवीर सिंह ने कहा कि यहां पहुंचकर मन को अद्भुत शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है। उन्होंने आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य की भी सराहना की।
टिम्मरसैंण गुफा: आस्था, प्रकृति और आध्यात्मिकता का संगम
टिम्मरसैंण महादेव गुफा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि अपनी प्राकृतिक संरचना और शांत वातावरण के कारण यह तीर्थ और पर्यटन का प्रमुख स्थल बन गया है।
हर वर्ष यहां बढ़ती भक्तों की संख्या इस स्थल की लोकप्रियता और धार्मिक महत्व को दर्शाती है।