प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में वनाग्नि, पेयजल, मानसून सीजन और चारधाम की तैयारियों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने वनाग्नि को रोकने के लिए की जा रही कार्यवाही और आगामी मानसून सीजन के दृष्टिगत तैयारियों की समीक्षा भी की। बताया जा रहा है कि प्रदेश में वनाग्नि को रोकने और जन जागरूकता के लिए मुख्यमंत्री फायर लाईन बनाने की कार्यवाही में प्रतिभाग करेंगे।
सीएम धामी ने कहा कि इसमें जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए है कि वनाग्नि पर पूर्णतः रोकने के लिए सभी सचिव को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी सौंपी जाए। ये सभी सचिव अपने जनपदों में जाकर वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठायें।
पिरूल एकत्रीकरण के लिए बनाए प्रभावी योजना
वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर वनाग्नि को रोकने में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के 10 कार्मिकों को निलंबित किया गया है। जबकि इनके अलावा अन्य कुछ कार्मिकों पर भी अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए जन सहयोग भी लिया जाए।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि जंगलों में आग लगाने की घटनाओं में जो भी लिप्त हैं, उन पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाए। जहाँ वनाग्नि को रोकने के लिए रिस्पांस टाईम घटाया जाए। वहीं सीएम धामी ने वनों से पिरूल एकत्रीकरण के लिए प्रभावी योजना बनाने के निर्देश दिए है। जिसके लिए पिरूल संग्रहण केन्द्र बनाए जाएं। और सहकारिता विभाग का भी सहयोग लिया जाए। जिसमे पिरूल एकत्रीकरण के लिए दी जाने वाली धनराशि को भी बढ़ाया गया।
मानसून से पूर्व सभी तैयारियां की जाए सुनिश्चित
वहीं दूसरी तरफ आगामी मानसून सीजन को देखते हुए तैयारियों के संबंध में बैठक हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मानसून से पहले नालियों की सफाई, ड्रेजिंग और चैनलाईजेशन की कार्यवाही पूरी कर ले। वहीं नदी किनारे सुरक्षा दीवारों के निर्माण और मरम्मत के कार्य समय पर पूर्ण कर लिए जाए। साथ ही सभी पुराने ब्रिजों का सेफ्टी ऑडिट और वर्षाकाल के दृष्टिगत संवेदनशील क्षेत्रों में वैली ब्रिज की पूर्ण व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी डैम की गहराई और क्षेत्रफल की वर्तमान स्थिति जानने के लिए संबंधित विभागों की एक कोर्डिनेशन कमेटी गठित करे। साथ ही आंकलन किया जाए कि डैम के बनने से वर्तमान समय तक डैम की गहराई और क्षेत्रफल की स्थिति क्या है।
उन्होंने निर्देश दिए कि मानसून सीजन शुरू होने से पहले डेंगू, मलेरिया और अन्य जल जनित रोगों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्जागरूकता फैलाए और पूरी तैयारी की जाए। स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा जाए। वहीं इसके अलावा आपदा के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग की रैपिड एक्शन टीम तैयार रखी जाय। सीएम धामी ने कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ कार्य करें। समय से पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। वहीं जिन स्थानों पर पेयजल की समस्या है वहाँ टैंकर और खच्चर से पीने के पानी की आपूर्ति की जाये । सभी कार्यदायी संस्थाएं समन्वय के साथ कार्य करें।
वहीं मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में चारधाम यात्रा के दृष्टिगत भी सभी व्यवस्थाएं सुचारू रखने के निर्देश दिए है। साथ ही कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाय कि मौसम की जानकारी से संबंधित अलर्ट एसएमएस के माध्यम से लोगों को मिले। वहीं चारधाम और मौसम से संबंधित अन्य सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए सूचना तंत्र को मजबूत बनाए। वहीं आने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी विभाग अपने स्तर पर बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। आधुनिक तकनीकि का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए। वहीं आपदा के दृष्टिगत संवदनशील स्थलों और चारधाम यात्रा मार्गों पर जेसीबी की पर्याप्त व्यवस्था की जाय।
इस बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, अरविंद सिंह ह्यांकी, रंजीत सिन्हा, दिलीप जावलकर, विनय शंकर पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, एडीजी ए.पी अंशुमान, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।