उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने का संकल्प: रजत जयंती वर्ष में विकास की नई ऊंचाईयों की ओर

देहरादून। इस वर्ष 9 नवंबर को उत्तराखंड अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण करने जा रहा है। इस रजत जयंती वर्ष में प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड को देश के श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने का संकल्प लिया है। इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे, जिनमें समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लाभों के प्रति जागरूकता, रोजगार के अवसरों में वृद्धि, पर्यटन विकास, सुरक्षित यातायात, आपदा प्रबंधन और चकबंदी प्रमुख रूप से शामिल हैं।

विधानसभा बजट सत्र में झलका विकास का संकल्प मंगलवार को विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण में इस संकल्प की झलक साफ नजर आई। नए वित्तीय वर्ष में उत्तराखंड को विकास की नई ऊंचाईयों पर ले जाने और हर क्षेत्र में नए प्रतिमान स्थापित करने के लिए प्रयासों में तेजी लाने पर बल दिया गया। सरकार अब विभिन्न योजनाओं और निर्णयों के प्रभावी क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित करेगी।

समान नागरिक संहिता पर जागरूकता अभियान उत्तराखंड सरकार पहले ही समान नागरिक संहिता को लागू कर चुकी है, लेकिन इसके कुछ प्रावधानों को लेकर विपक्ष ने आपत्ति जताई है। ऐसे में सरकार आमजन को यूसीसी के लाभों के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाएगी।

राष्ट्रीय खेलों का ऐतिहासिक आयोजन उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन से इतिहास रच दिया है। यह पहला राज्य बना जिसने सभी खेल स्पर्धाओं का आयोजन अपने ही राज्य में किया। इससे प्रदेश में खेल संरचना को मजबूती मिली है। सरकार इस खेल संस्कृति को और अधिक विकसित करने के लिए कदम उठाएगी ताकि राज्य के खिलाड़ियों को निरंतर लाभ मिल सके।

रोजगार एवं औद्योगिक विकास को गति सरकार सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने के लिए कदम उठा रही है, वहीं अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर सृजित करने का प्रयास किया जा रहा है। औद्योगिक विकास को गति देने के लिए स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जाएगा और अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत किच्छा के खुरपिया में एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर की स्थापना को तेज किया जाएगा।

राज्यपाल के अभिभाषण में प्रमुख बिंदु:

  • खेल महाकुंभ में प्रतिवर्ष दो लाख खिलाड़ियों को अवसर।
  • क्षेत्रीय संपर्क योजना के अंतर्गत 13 स्थानों पर हेलीपोर्ट का विकास।
  • राज्य में खनन से राजस्व में गत वर्ष की तुलना में दोगुनी वृद्धि।
  • डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन कार्यक्रम में 99% सजरा मानचित्रों का डिजिटलीकरण।
  • नैक के ए ग्रेड प्रत्यायित दून विश्वविद्यालय प्रदेश का एकमात्र राजकीय विश्वविद्यालय।
  • प्लास्टिक कचरे के निस्तारण हेतु 95 में से 88 विकासखंडों में कांपेक्टर की स्थापना।
  • ललित कला अकादमी का क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून में स्थापित होगा।

उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना का विस्तार सरकार युवाओं के कौशल विकास और उन्हें विदेश में रोजगार उपलब्ध कराने के प्रयासों को तेज करेगी। उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना के तहत राज्य के स्थायी निवासियों और उद्यमियों को एक से पांच करोड़ रुपये तक का निवेश करने पर प्रोत्साहन दिया जाएगा।

सुरक्षित और सुगम यातायात की दिशा में प्रयास सरकार वाहनों की रियल-टाइम मॉनीटरिंग के लिए वीएलटी डिवाइस लगा रही है। सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्पीड रडार गन, एएनपीआर कैमरे और गति सीमा नियंत्रण की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा नियमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। प्रदेश में वाहनों की पार्किंग के लिए 182 स्थल विकसित किए जा रहे हैं।

आपदा प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों का उपयोग उत्तराखंड एक आपदा-संवेदनशील राज्य है, इसलिए भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र विकसित किया गया है। इसके तहत 177 सेंसर और 112 सायरन लगाए गए हैं। मौसम की सटीक जानकारी के लिए तीन डॉप्लर राडार स्थापित किए गए हैं।

चकबंदी को मिली नई दिशा उत्तराखंड के मैदानी जिलों के 471 गांवों में भूमि चकबंदी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जबकि 131 गांवों में यह प्रक्रिया जारी है। सरकार अब इस प्रक्रिया को और तेज करने की दिशा में कार्य कर रही है।

उत्तराखंड सरकार के ये संकल्प राज्य के समग्र विकास को नई गति देंगे और इसे देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने में सहायक सिद्ध होंगे।

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