Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड के जंगलो में विकराल हुई आग,86 हेक्टेयर जंगल हुए राख…

उत्तराखंड के जंगल लगातार आग की चपेट में आकर धू-धू कर जल रहे हैं। पहाड़ी क्षेत्र में तो चारों तरह आग से धुंआ ही धुंआ फैला हुआ है। वहीं इस बढ़ती आग ने लाखों की वन संपदा के साथ ही वन्यजीवों को भी नुक्सान पहुँचा दिया है। रोज बढ़ रही इस आग ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। वही अभी तक जंगलों की आग से दो लोगों अपनी जान भी गवां चुके हैं । ये आग कुमाऊं क्षेत्र से गढ़वाल क्षेत्र की ओर बढ़ती जा रही है।

वहीं उत्तराखंड में देवाल में शुक्रवार को आग बुझाने के दौरान एक महिला वनकर्मी पहाड़ी के गिरे पत्थर की चपेट में आकर घायल हो गई। जबकि अल्मोड़ा के ताकुला में गुरुवार को जंगल की आग से जले दो और श्रमिकों की शुक्रवार को मौत हो गई। वहीं इस घटना में घायल एक अन्य महिला श्रमिक को ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया है। जोकि 90 फीसदी जल चुकी जिसकी हालत नाजुक बनी हुई है। दूसरी तरफ रानीखेत में वलना ग्रामसभा के सैकुड़ा तोक में दो बंद मकानों को चपेट में ले लिया। साथ ही बागेश्वर में एक मंदिर में रखा छह तोला सोना भी आग की भेंट चढ़ गया।

वन अधिकारियों के अनुसार बताया जा रहा है कि कुमाऊं के बागेश्वर के गढ़ खेत, दावों के जंगलों में लगी आग पूर्वी पिंडर रेंज के लिगड़ी में पहुंच गई है। अल्मोड़ा जिले में ताकुला के जंगल में आग धधकने से लीसा निकाल रहे नेपाली मजदूर दीपक पुजारा उनकी पत्नी तारा उर्फ शीला पुजारा, ज्ञान बहादुर और उनकी पत्नी पूजा बुरी तरह झुलस गए थे। जिसमें 35 वर्षीय दीपक पुजारा की गुरुवार को ही मौत हो चुकी थी, जबकि शुक्रवार को उनकी पत्नी शीला और ज्ञान बहादुर ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं दूसरी तरफ एसटीएच प्राचार्य डॉ अरुण जोशी ने बताया कि 90 फीसदी जली पूजा को एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया है।

वहीं वन विभाग के अनुसार प्रदेश में एक हजार 86 हेक्टेयर जंगल अब तक खाक हो गया है। जबकि उत्तराखंड में गुरुवार दोपहर बाद से शुक्रवार दोपहर बाद चार बजे तक 24 घंटे में वनाग्नि की 64 घटनाएं की दर्ज की गईं। इस दौरान ही 75 हेक्टेयर जंगल जल गए। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में इस फायर सीजन में शुक्रवार तक जंगलों में आग की 868 घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं। इसमें 1086 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। वहीं इस जंगल की आग बुझाने वालों का विशेष बीमा यानी आग बुझाने वाले वनकर्मी और फायर वॉचरों को विशेष जीवन बीमा का लाभ मिलेगा।