Uttarakhand News: खांसी का सिरप पीते ही बिगड़ी तीन वर्षीय मासूम की तबीयत, कोमा में पहुंचने के बाद दून अस्पताल में बचाई गई जान

देहरादून/रुड़की।

Uttarakhand के रुड़की क्षेत्र में तीन साल की गर्विका नामक बच्ची की तबीयत खांसी का सिरप पीने के तुरंत बाद बिगड़ गई। निजी चिकित्सक की सलाह पर परिजनों ने उसे कफ सिरप पिलाया था, जिसके कुछ ही समय बाद बच्ची की स्थिति गंभीर हो गई और वह बेहोशी की हालत में चली गई। हालत बिगड़ते देख परिजन उसे आनन-फानन में देहरादून के एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे कोमा की स्थिति में बताया।


निजी अस्पताल में नहीं सुधरी हालत, दून अस्पताल रेफर

निजी अस्पताल में गर्विका की हालत सुधारने के प्रयास किए गए, लेकिन उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती गई। जब डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर दिए, तब परिजनों ने उसे दो दिसंबर को दून अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया। यहां डॉक्टरों ने तुरंत बच्ची को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा और प्राथमिक उपचार शुरू किया।


छह दिसंबर को आया होश, हालत होने लगी सामान्य

दून अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों की टीम ने लगातार निगरानी और आवश्यक जांचों के साथ उसका उपचार जारी रखा। चार दिनों के इलाज के बाद छह दिसंबर को बच्ची को होश आ गया। चिकित्सकों के अनुसार बच्ची की स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी, जिससे परिजनों ने राहत की सांस ली।


बुधवार को बच्ची को मिली अस्पताल से छुट्टी

लगातार सुधार के बाद बुधवार को डॉक्टरों ने गर्विका को पूरी तरह स्वस्थ बताते हुए अस्पताल से छुट्टी दे दी। फिलहाल बच्ची घर पर है और उसकी सेहत स्थिर बताई जा रही है।


अस्पताल प्रशासन का बयान

दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर.एस. बिष्ट ने बताया—
“बच्ची कफ सिरप पीने के बाद गंभीर हालत में अस्पताल लाई गई थी। वह कोमा में थी और तुरंत वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत थी। टीम के प्रयासों से बच्ची की जान बचाई जा सकी। अब वह पूरी तरह स्वस्थ है।”

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