Uttarakhand@25: रजत जयंती पर PM मोदी ने खींची स्वर्णिम विकास की रूपरेखा, खेती से पर्यटन तक भविष्य का बड़ा रोडमैप पेश

देहरादून |
उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित रजत जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य की उपलब्धियों, प्रगति और भविष्य की संभावनाओं का विस्तृत खाका प्रस्तुत किया। पीएम मोदी ने बीते ढाई दशकों की “अद्भुत विकास यात्रा” का उल्लेख करते हुए कहा कि आज का उत्तराखंड सशक्त, सक्षम और नए अवसरों के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि जिस राज्य का बजट कभी सीमित था और आय के साधन कम थे, वह अब देश के तेजी से बढ़ते प्रदेशों में शामिल हो चुका है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले जहां उत्तराखंड केंद्र की सहायता पर निर्भर था, वहीं आज राज्य का बजट 4,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। उन्होंने सड़क, बिजली, वैक्सीन कवरेज, कनेक्टिविटी और पर्यटन के क्षेत्र में हुई प्रगति को ऐतिहासिक बताया।


भविष्य की खेती का मॉडल: ब्लूबेरी, कीवी, हर्बल और मेडिसनल प्लांट

समारोह में प्रधानमंत्री ने कृषि और बागवानी क्षेत्र में नई दिशा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ब्लूबेरी, कीवी, हर्बल और औषधीय पौधे भविष्य की आधुनिक खेती का केंद्र बन सकते हैं।

पीएम मोदी ने बताया कि उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में फलों का उत्पादन काफी बढ़ा है, इसलिए अब हाइजोन और पर्वतीय इलाकों में विशेष “हार्टीकल्चर ज़ोन” विकसित किए जाने चाहिए। इससे स्थानीय किसानों की आय में तेजी से बढ़ोतरी होगी।


वाइब्रेंट विलेज को बनाएं पर्यटन का नया हब

प्रधानमंत्री ने सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन को मजबूत करने की दिशा में पहल की बात कही। उन्होंने पिथौरागढ़ जिले में आदि कैलाश यात्रा का उदाहरण देते हुए बताया कि पहले जहां यहां सालभर में मुश्किल से 2,000 पर्यटक आते थे, अब यह संख्या 30,000 से अधिक हो चुकी है।

उन्होंने 14,000 फीट की ऊंचाई पर आयोजित हाई-एल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन का जिक्र करते हुए कहा कि सीमांत गांवों को “वाइब्रेंट विलेज” के रूप में विकसित करके इन्हें पर्यटन केंद्र बनाया जा सकता है, जिससे सीमाओं पर बसावट और आर्थिक गतिविधि दोनों बढ़ेंगी।


योग, ध्यान और वैलनेस टूरिज्म को लोकल नेटवर्क से जोड़ने का सुझाव

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड योग, ध्यान, आयुर्वेद और आध्यात्मिक साधना की धरती है। दुनियाभर से लोग यहां वैलनेस टूरिज्म के लिए आते हैं।

उन्होंने सुझाव दिया कि—

  • हर विधानसभा क्षेत्र में योग केंद्र,
  • नेचुरोपैथी संस्थान,
  • स्थानीय होम-स्टे का नेटवर्क

मिलकर एक “कंप्लीट वैलनेस पैकेज” बना सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जड़ी-बूटियों और आयुर्वेदिक औषधियों की मांग तेजी से बढ़ रही है, इसलिए इससे जुड़े MSME क्षेत्र को सशक्त करने की आवश्यकता है।

फूड प्रोसेसिंग, हस्तशिल्प, आर्गेनिक उत्पाद और स्थानीय कारीगरों को बढ़ावा देने की जरूरत पर विशेष बल दिया गया।


अद्भुत विकास यात्रा: बजट, सड़कें, बिजली और कनेक्टिविटी में बड़ा विस्तार

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के विकास मॉडल का उल्लेख करते हुए कहा कि आज उत्तराखंड की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है।

उन्होंने बताया—

  • राज्य का बजट 4,000 करोड़ से बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये पार कर चुका है,
  • सड़क नेटवर्क का विस्तार हुआ है,
  • बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है,
  • वैक्सीन कवरेज में प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है,
  • हवाई, रेल और सड़क कनेक्टिविटी में व्यापक सुधार हुआ है।

पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड अब 12 माह पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसर दोगुने होंगे।


भविष्य के लिए स्पष्ट संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड को “संभावनाओं की भूमि” बताते हुए कहा कि आने वाले 25 वर्ष राज्य के लिए स्वर्णिम होंगे। उन्होंने कहा कि पारंपरिक पर्यटन, खेती, आयुर्वेद और प्राकृतिक संसाधनों के साथ-साथ राज्य को नए अवसरों—जैसे एडवेंचर टूरिज्म, वाइब्रेंट विलेज, ग्लोबल वैलनेस हब और हाई-एल्टीट्यूड गतिविधियों—पर तेजी से काम करने की जरूरत है।

समारोह में प्रधानमंत्री के संबोधन ने उत्तराखंड की विकास यात्रा को रेखांकित करने के साथ भविष्य की दिशा भी स्पष्ट कर दी।

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