उत्तराखंड में शिक्षा से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही हैं। यहाँ स्कूलों में एडमिशन के नियमों में बदलाव किया गया है। बताया जा रहा है कि एडमिशन के नियमों में बदलाव होने के कारण हजारों बच्चों के कक्षा एक में प्रवेश पर तलवार लटकी है। बता दे कि शिक्षा विभाग ने कक्षा एक में दाखिले की उम्र तय कर दी गई है। जिस वजह से प्रदेश में 20,000 से अधिक बच्चों को कक्षा एक में दाखिला नहीं मिल पा रहा है। वहीं अब इसके कारण निजी स्कूलों में यूकेजी में पढ़ने वाले हजारों बच्चों के कक्षा एक के प्रवेश नही हो पा रहा है। वहीं अगर विभाग द्वारा उम्र सीमा में छूट नहीं दी गई तो बच्चों को यूकेजी की पढ़ाई दोबारा करनी होगी।
जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग ने अब कक्षा एक में दाखिले की आयु सीमा पांच वर्ष से बढ़ाकर छह वर्ष कर दी है। यानी कक्षा एक में प्रवेश के लिए बच्चे की उम्र 6 वर्ष निर्धारित की गई है। वहीं शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देश दिए है कि 6 वर्ष से कम उम्र में यदि स्कूल द्वारा बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश दिया जाता है तो सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुसार प्री प्राइमरी कक्षाओं में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र 31 मार्च 2024 तक तीन वर्ष और कक्षा एक में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र छह वर्ष पूरी होनी अनिवार्य है। यही नही अगर दो या तीन अप्रैल को भी यदि छात्र की आयु छह वर्ष पूरी हो रही है तो भी उसे कक्षा एक में दाखिला नहीं मिल सकेगा।
अभी प्रदेश में सरकारी और निजी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के एक अनुमान के मुताबिक हर वर्ष जिले में 20 हजार से अधिक बच्चे सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा एक में प्रवेश लेते हैं। लेकिन इस बार उम्र निर्धारित आयु सीमा से कम होने के कारण कक्षा एक में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। वहीं अब अभिभावकों के साथ ही शिक्षक संगठन और निजी स्कूल संचालक भी उम्र सीमा में छूट देने की मांग कर रहे हैं।