देहरादून: उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकला 58 पर्वतारोहियों का दल मंगलवार सुबह हिमस्खलन की चपेट में आ गया था। लापता लोगों की तलाश अभी भी जारी है I
द्रौपदी का डांडा-2 ट्रैक पर हिमस्खलन की चपेट में आकर लापता हुए 33 पर्वतारोहियों सुरक्षित हैं। इसमें 14 को उत्तरकाशी लाया गया है। पांच को जिला अस्पताल और नौ को आईटीबीपी मातली के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जबकि 26 अभी भी लापता चल रहे हैं। वहीं चार पर्वतारोहियों के शव के बरामद हुए हैं।
जिन चार लोगों के शव निकाले जा सके हैं उसमें से दो प्रशिक्षु और दो महिला प्रशिक्षक शामिल हैं। इनमें नौ उत्तराखंड के हैं। एसडीआरएफ की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि दो मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। लापता लोगों में हिमाचल प्रदेश के एक लेफ्टिनेंट कर्नल भी शामिल हैं।
लापता सदस्यों के एवलांच में दबने और ग्लेशियर के बीच बड़ी दरारों (क्रेवास) में फंसे होने का अनुमान है। मंगलवार को वायुसेना की टीम की अगुआई में लापता सदस्यों की खोजबीन की गई है, लेकिन मौसम के कारण खोजबीन में बाधा आती रही। बुधवार सुबह फिर से अभियान शुरू किया गया।
बता दें कि उत्तरकाशी के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान(निम) में 44 प्रशिक्षुओं, 8 प्रशिक्षकों सहित कुल 58 लोगों का दल 14 सितंबर को एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स के लिए निकला था। मंगलवार यह दल द्रौपदी का डांडा चोटी(5771 मी.) पर पहुंचा। लेकिन, कैंप-1 में लौटते समय एवलांच की चपेट में आ गए I