रुद्रप्रयाग: नशाखोरी को समाप्त करने के संबंध में जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई I
उत्तराखण्ड राज्य में बढ़ती नशाखोरी के नियंत्रण तथा राज्य में अफीम, खस खस एवं पोस्त की अवैध खेती को एन.सी.ओ.आर.डी एक्ट 1985 में वर्णित प्राविधानों/नियमों के अन्तर्गत रोकने के सम्बन्ध में प्रत्येक माह जनपद स्तर पर नारकोटिक्स को-ऑर्डिनेशन की गोष्ठी किये जाने के निर्देश उत्तराखण्ड शासन के स्तर से निर्गत किये गये हैं। उत्तराखण्ड राज्य के सभी जनपदों में सम्बन्धित जिलाधिकारी की अध्यक्षता में उक्त गोष्ठी का आयोजन किया जाता है।
इसी क्रम में आज जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता व सदस्य संयोजक पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग डॉ. विशाखा अशोक भदाणे की उपस्थिति में जिला स्तरीय एन.सी.ओ.आर.डी के सदस्यों के साथ मासिक बैठक आहूत की गयी।
बैठक में सदस्य संयोजक पुलिस अधीक्षक ने अवगत बताया कि मुख्यमंत्री जी उत्तराखण्ड की अपेक्षा के क्रम में सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य को ड्रग्स फ्री देवभूभि 2025 यानि राज्य को हर हाल में 2025 तक ड्रग्स फ्री किये जाने हेतु सम्बन्धित सभी विभागों के आपसी समन्वय हेतु यहां पर एकत्र हुए हैं। बताया कि जनपद स्तर पर एन्टी नारकोटिक्स टीम का गठन किया गया है, जिसमें अन्य सम्बन्धित विभागों से भी निरन्तर सहयोग की आवश्यकता है।
बताया कि पुलिस विभाग के स्तर से निरन्तर जन जागरुकता अभियान चलाये जा रहे हैं। इस वर्ष अब तक पुलिस के स्तर से विभिन्न विद्यालयों, शिक्षण संस्थानों, व आम जनमानस के बीच जाकर 30 जागरुकता गोष्ठियां की जा चुकी हैं व इस सम्बन्ध में लगातार अधीनस्थों को निर्देश भी जारी किये गये हैं। पुलिस विभाग के स्तर से निरन्तर चेकिंग इत्यादि भी की जा रही है।
सूचना मिलने पर छापेमारी भी की जा रही है, तथा अवैध नशे का कारोबार करने वालों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किये जा रहे हैं। उनके द्वारा बैठक में उपस्थित मुख्य शिक्षा अधिकारी रुद्रप्रयाग से अपेक्षा की गयी कि वे जनपद के सभी प्रधानाचार्यों को अपने स्तर से निर्देश जारी करेंगे कि क्या किसी विद्यालय में बच्चों के व्यवहार एवं स्वभाव में अचानक कोई परिवर्तन तो नहीं आ रहा है, यदि इस प्रकार का परिवर्तन परिलक्षित हो रहा हो तो इसकी सूचना साझा करेंगे, ताकि ऐसे बच्चों का समय रहते चिन्हीकरण कर, उनकी काउन्सिलिंग इत्यादि कर उसे नशे के दलदल में जाने से बचाया जा सके।
पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने बताया कि कहीं पर भी नशाखोरी की शिकायत प्राप्त होती है तो तुरन्त नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचना दें, ताकि समय रहते आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा सके।
बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी, समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, कृषि विभाग को निर्देश दिये कि उनके स्तर से आयोजित होने वाले जागरुकता कार्यक्रमों के सम्बन्ध में पुलिस विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए उन्हें भी जागरुकता कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाए। इसके अतिरिक्त आगामी बैठकों में उच्च शिक्षा से सम्बन्धित पदाधिकारियों को भी बैठक में आमंत्रित किये जाने के निर्देश दिये गये।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश हैं कि नशे की प्रवृत्ति में पड़ने वाले व्यक्तियों एवं बच्चों को उचित मार्गदर्शन के लिए काउंसलर की तैनाती की जाए। जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिये गये कि काउन्सिलिंग हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अगस्त्यमुनि के किसी एक कक्ष को ठीक करवाकर चयनित कर लिया जाये। जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित प्रभारी समाज कल्याण अधिकारी रुद्रप्रयाग को रिहेबिलेटेशन सेन्टर के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त कर उनको उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये।
उन्होंने जिला सूचना अधिकारी को नुक्कड़ नाटक व अन्य माध्यमों से जनजागरुकता कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार किये जाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि नशाखोरी से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की सूचनाओं का तात्कालिक रूप से आदान-प्रदान किये जाने हेतु व्हट्सएप ग्रुप बनाया जाये।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जनपद के किसी भी क्षेत्र में अफीम की खेती होने के सम्बन्ध में अभिसूचना संकलन करा लिया जाये व जनपद में आगामी समय में होने वाली चारधाम यात्रा के दृष्टिगत नशे का परिवहन होने के दृष्टिगत रैण्डम चेकिंग की जाए।
बैठक में मुख्य शिक्षाधिकारी विनोद प्रसाद सिमल्टी, मुख्य कृषि अधिकारी लोकेन्द्र बिष्ट, पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन्स हर्षवर्धनी सुमन, प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी हर्षवर्धन भट्ट, स्वास्थ्य विभाग से डॉ. शशि, दीपक नौटियाल, वन विभाग से राजेन्द्र सिंह रावत, जिला सूचना अधिकारी रति लाल, शाह, प्रभारी एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स निरीक्षक योगेन्द्र सिंह गुसाईं, प्रभारी आशुलिपिक नरेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।