देहरादून: सफाई कर्मचारियों ने प्रदेश में चल रही ठेकेदारी प्रथा के विरोध के चलते रविवार को बड़ी संख्या में सीएम आवास कूच कियाI इस दौरान पुलिस ने हाथीबड़कला में बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया। जिसके बाद सफाई कर्मचारी वहीं धरने पर बैठ गए। इस कूच को लेकर विगत दिनों एक प्रेस वार्ता कर उन्होंने ऐलन भी किया थाI सफाई कर्मियों की मांग है कि रयाल समिति की सिफारिश लागू करने के साथ कोरोना काल में शहीद हुए सफाई कर्मियों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये दिया जायI
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अखिल भारतीय मजदूर संघ उत्तराखंड के अध्यक्ष विशाल बिरला का कहना है कि सरकार लगातार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सफाई कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर आगे बढ़कर अपनी सेवाएं प्रदान की, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है. कहा कि सफाई कर्मचारी सरकार से मांग कर रहे हैं कि कोरोना ड्यूटी में कार्यरत व कोरोना संक्रमण से जान गंवा चुके सफाई कर्मचारियों के आश्रितों को शहीदों जैसा सम्मान पत्र दिया जाए और उन्हें 10-10 लाख का मुआवजा दिया जाए. इसके साथ ही उनके एक आश्रित को सरकारी नौकरी योग्यता अनुरूप दी जाए, लेकिन सरकार लगातार उनकी अनदेखी करती आ रही है. इसके विरोध में मुख्यमंत्री आवास कूच करने के लिए बाध्य होना पड़ा है.
सफाई कर्मियों ने सरकार से मांग की है कि, शहरी विकास विभाग के निदेशक ललित मोहन रयाल की अध्यक्षता में बनी तीनों कमेटियों की सिफारिश को लागू करते हुए शासनादेश जारी किए जाएं। वहीं मृतक आश्रित नियमावली में संशोधन के साथ ही वन टाइम सेटलमेंट जैसे काले कानून, नियमावली 2013, 2016 के शोषणकारी प्रावधान को समाप्त कर अनेकों हताहत कार्मिकों के आश्रितों को परिवार में सरकारी नौकरी होने पर भी अनुकम्पा के आधार पर तुरंत नियुक्ति के आदेश जारी किए जाएं। सभी सरकारी विभागों में सफाई कार्यों से ठेकेदारी प्रथा समाप्त करते हुए विभागीय संविदा पर सफाई कार्मिकों को नियुक्त करते हुए सम्मानजनक वेतन दिया जाए।
कोरोना काल में कोरोना ड्यूटी में कार्यरत और कोरोना संक्रमण से शहीद हुए सफाई कार्मिकों के आश्रितों को शहीदों जैसे सम्मान पत्र देते हुए 10-10 लाख का मुआवजा और उनके एक आश्रित को सरकारी नौकरी योग्यता अनुरूप देने के आदेश जारी करें।
घरों में काम करने वाले गृह सेवक,सेविका को मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न और आर्थिक शोषण से बचाने के साथ ही उनके उत्थान के लिए ‘समग्र विकास नीति’ बनाने के लिए शासनादेश जारी किया जाए।
सरकारी विभागों के अलावा निजी क्षेत्रों में कार्य करने वाले सफाई कार्मिकों के शोषण को रोकने के लिए उत्तराखंड सफाई सैनिक कल्याण निगम लिमिटेडका गठन करने के आदेश जारी किए जाएं।
उत्तराखंड में सीवर लाइन,गड्ढ़ों में मृत हुए कार्मिकों (मैन्युअल स्क्वेंजर्स) के आश्रित को 10-10 लाख का मुआवजा व अन्य अनुमन्य लाभ दिया जाए। राज्य गठन से सम्पत्ति की अनिवार्यता हटाते हुए अनुसूचित जाती प्रमाण पत्र दें।