देहरादून : कोरोना महामारी जिसकी दोनों-लहरों ने देश भर में त्राहिमाम मचाया I वहीं जब इस समय लोग जीवन मृत्यु के जाल में फंसे हुए थे और जान बचने के लिए निजी अस्पतालों पर इलाज करा रहे थे I तो वहीं संकट की इस घड़ी में अवसर ढूंढ निजी अस्पतालों ने लोगों को जमकर लूटा। निजी अस्पतालों की ओर से मचाई गई इस लूट को वापस लेने के लिए देहरादून निवासी अभिनव थापर ने सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली में जनहित याचिका दायर की है। इस पर माननीय सुप्रीम कोर्ट की संयुक्त पीठ ने इस याचिका के निजी अस्पतालों द्वारा लिए गए अत्याधिक बिल चार्ज की अनियमिताओं, मरीजों को रिफंड जारी करने व पूरे देश के लिये सुनिश्चित गाइडलाइंस जारी करने के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय, केंद्र सरकार और फिर समस्त राज्यों को जवाब-तलब किया।
अभिनव ने कोरोना पीड़ितों से बिल एकत्रित करने के लिये प्रदेशभर में “लड़ाई अभी बाकी है, हिसाब अभी बाकी है” अभियान चलाया हुआ है। अब तक उन्होंने मीडिया और घर-घर पर्चों के माध्यम से इस अभियान को चलाया I लेकिन अब उनकी टीम ने एक नए तरीका अपनाया है I उनकी टीम अब ” नुक्कड़ नाटक ” के माध्यम से यह जनजागरण चला रही है। यह अभियान इंदिरा नगर, गोबिंद गढ़, शास्त्री नगर, सीमद्वार से होते हुए आज गांधी ग्राम क्षेत्र पहुंचा I जहां नुक्कड़ नाटक से आमजन का जनजागरण किया गया। जिसमे नाटक का मंचन कर कलाकारों ने कोरोनाकाल में निजी अस्पतालों की ओर से मचाई लूट को दर्शाया। इस अभियान के जरिए लोगों को लाभ में मिल रहा है। हाल ही में इस अभियान के तहत देहरादून में कई मरीजों के रुपये लौटाए गये हैं। देशभर से अभियान से लोग जुड़ रहे हैं और अभियान की सराहना भी कर रहे हैं।
वहीं, नुक्कड़ नाटक में कोरोना में हुई समस्याओं जैसे हस्पतालों में प्लाज्मा, बेड न मिलना, दवाइयों की उपलब्धता, मरीजों से पैसे की लूट को दर्शाया गया। अब अभिनव थापर की टीम ” नुक्कड़ नाटकों ” के माध्यम से लोगो को हस्पतालों से हुई लूट व उनके अत्यधिक बिल वापसी के संबध में जनजागरण चला रही है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को उनकी बिल वापसी लड़ाई में मदद मिल सके।
सुप्रीम कोर्ट में पूरे भारत के लगभग 1 करोड़ कोरोना मरीजों के बिल वापसी के लिये जनहित-याचिका के माध्यम से संघर्ष कर रहे देहरादून निवासी अभिनव थापर ने कहा कि चूंकि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है अतः बिल एकत्रित करने के लिये ” लड़ाई अभी बाकी हिसाब है, हिसाब अभी बाकी है ” अभियान के तहत उनकी हर संभव न्यायसंगत कोशिश रहेगी कि हर नागरिक को उनसे हस्पतालों द्वारा लूटे हुए पैसे की वापसी के संबंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया जा सके। इसके लिए जनता के विशेष सुझाव मिलने के साथ उनका समर्थन भी मिल रहा है, अतः अब उन्होंने नुक्कड़ नाटकों से भी जनजागरण अभियान का रास्ता चुना। नुक्कड़ नाटक में कलाकार नीतीश, साहिल, अभिषेक, मीनाक्षी, श्यामल व करीना ने निजी अस्पतालों द्वारा की लूट से हुई जनता को परेशानी को दिखाया और आमजन ने उनके प्रयासों में साथ देने के लिये प्रण लिया।
उल्लेखनीय है कि ” गाइडलाइंस में कोरोना मरीजों हेतू प्राइवेट हस्पतालों में यह चार्ज प्रतिदिन का निर्धारित था – ऑक्सिजन बेड- 8-10 हजार रुपये, आई०सी०यू०- 13-15 हजार रुपये व वेंटिलेटर बेड- 18 हजार रुपये , जिसमे PPE किट, दवाइयां, बेड, जाँच इत्यादि सब ख़र्चे युक्त थे ” किन्तु फिर भी कई राज्यो के मरीजों से लाखों रुपये के बिल वसूले गये, अतः इन सबके दृष्टिगत देश में कोरोना मरीजों को प्राइवेट हस्पतालों द्वारा ” अत्यधिक ख़र्च की प्रतिपूर्ति – आमजन को प्राइवेट हस्पतालों से पैसे वापसी” के लिये माननीय उच्चतम न्यायालय में अभिनव थापर ने जनहित याचिका दायर करी जिससे भारत के लगभग 1 करोड़ कोरोनो-पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके। माननीय सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों वाली संयुक्त पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करी।
उल्लेखनीय है कि देहरादून निवासी अभिनव थापर ने अपने साथियों के साथ मिलकर “कोविड हेल्प सेन्टर, उत्तराखंड- COVID HELP CENTER UK” ग्रुप व कई अन्य व्हाट्सएप ग्रुप के द्वारा भी प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश भर के मरीजों को ऑक्सिजन, हस्पताल में ऑक्सिजन बेड, आई०सी०यू०, वेंटिलेटर, दवाई व सबसे महत्वपूर्ण ” प्लाज्मा व्यवस्था” द्वारा कई प्रकार से मदद पहुँचाने के कार्यों में सहयोग दिया । इसके अतिरिक्त देश भर से कई फ़िल्मी हस्तियों जैसे कुणाल कपूर, भूमि पेडनेकर, विनीत कुमार सिंह ,आदि के उत्तराखंड के मरीजों के सहयोग में भी अपना योगदान दिया। अब तीसरी लहर भी उनकी टीम फिर से उत्तराखंड में सक्रिय हो गयी है।
आपको अवगत करा दे कि इस विषय पर अभिनव थापर व उनके साथियों द्वारा ” नुक्कड़ नाटकों व पर्चों ” द्वारा एक अभियान ” लड़ाई अभी बाकी है – हिसाब अभी बाकी है” भी चलाया जा रहा है जिससे लोगों को जागरूक कर, उनके बिल एकत्रित कर, उनके बिल प्रतिपूर्ति का विषय माननीय सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया जाएगा