सुकमा के घने जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों की मुठभेड़ जारी, शुरुआती सूचना में तीन नक्सली मारे गए
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में भेज्जी–चिंतागुफा मार्ग के बीच स्थित घने जंगलों में शनिवार को डीआरजी जवानों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ शुरू हो गई। नियमित सर्चिंग पर निकली टीम पर नक्सलियों ने अचानक हमला कर दिया, जिसके बाद दोनों ओर से जोरदार फायरिंग शुरू हो गई।
सूत्रों के मुताबिक, अब तक तीन नक्सलियों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है। हालांकि पुलिस की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी की जानी है। इलाके में रुक-रुककर फायरिंग जारी है और सुरक्षाबल रणनीतिक तरीके से जंगल को चारों दिशाओं से घेरते हुए आगे बढ़ रहे हैं।
एसपी किरण चव्हाण कर रहे हैं ऑपरेशन की निगरानी
सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए कहा कि जवान सुरक्षित हैं और ऑपरेशन पर लगातार नजर रखी जा रही है। अतिरिक्त बलों को मौके की ओर रवाना कर दिया गया है और आसपास के क्षेत्रों में सघन तलाशी जारी है।
सुरक्षाबलों को आशंका है कि इलाके में और भी नक्सली छिपे हो सकते हैं, इस कारण पूरे जंगल पर पैनी नजर रखी जा रही है।
बीजापुर में दो दिन पहले 6 इनामी नक्सली मार गिराए गए थे
सुकमा की इस मुठभेड़ से पहले, 13 नवंबर को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी सफलता दर्ज की थी। नेशनल पार्क क्षेत्र के कांदुलनार, कचलारम और गुज्जाकोंटा के जंगलों में दो दिनों तक चले ऑपरेशन में 27 लाख रुपये के इनामी छह नक्सली ढेर किए गए थे।
यह संयुक्त अभियान डीआरजी बीजापुर, डीआरजी दंतेवाड़ा और एसटीएफ की टीमों ने मिलकर चलाया था। पुलिस को इन इलाकों में 50–60 माओवादियों के बड़े समूह की मौजूदगी की सूचना मिली थी।
मारे गए छह नक्सलियों की पहचान और गतिविधियां
1. डीवीसीएम कन्ना उर्फ बुचन्ना (इनाम 8 लाख रुपये)
- मद्देड़ एरिया कमेटी का शीर्ष सदस्य
- पुलिस और नागरिकों पर बड़े हमलों का आरोपी
- 42 आपराधिक मामले और 18 स्थायी वारंट दर्ज
2. डीवीसीएम उर्मिला (इनाम 8 लाख रुपये)
- पामेड़ एरिया कमेटी की सचिव
- पीएलजीए बटालियन की सप्लाई व्यवस्था संभालती थी
- शीर्ष माओवादी नेता पापाराव की पत्नी
3. एसीएम जगत तामो उर्फ मोटू (इनाम 5 लाख रुपये)
- मद्देड़ एरिया कमेटी का सक्रिय सदस्य
4. पीएम देवे (इनाम 2 लाख रुपये)
5. पीएम भगत (इनाम 2 लाख रुपये)
6. पीएम मंगली ओयाम (इनाम 2 लाख रुपये)
- सभी बीजापुर और पामेड़ क्षेत्रों में सक्रिय
- कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहे
बस्तर में बढ़ा सुरक्षाबलों का दबदबा
लगातार मिल रही सफलताएं इस बात का संकेत हैं कि बस्तर क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान लगातार मजबूत हो रहा है। सुरक्षाबल बड़े समूहों में सक्रिय नक्सली संगठनों को कमजोर करने के लिए रणनीतिक रूप से जंगलों में गहराई तक ऑपरेशन चला रहे हैं।