सादगी से मनाई गई चन्द्रकुंवर बर्त्वाल की 102वीं जयंती

-राइंका अगस्त्यमुनि में कवि की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

रुद्रप्रयाग:  हिमवंत कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल की 102वीं जयंती सादगी से मनाई गई। इस अवसर पर चन्द्रकुंवर बर्त्वाल स्मृति शोध संस्थान की ओर से राआइंका अगस्त्यमुनि में कवि की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया गया।

कवि की स्मृति में बांज, बुरांश एवं देवदार के पौधों का रोपण किया गया। शोध संस्थान के अध्यक्ष हरीश गुसाईं ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष भी कवि के जन्म दिन को सादगी से मनाया गया। विगत वर्षों में यह कार्यक्रम भव्य रूप में आयोजित होता था। जिसमें विभिन्न विद्यालयों के सैकड़ों छात्र छात्रायें प्रतिभाग करते थे। कहा कि आगामी वर्षों में स्थिति सामान्य होने पर फिर से कवि के जन्म दिन पर भव्य कार्यक्रम आयोजित कराये जायेंगे।

संस्थान के सदस्यों द्वारा राआइका अगस्त्यमुनि में स्थित कवि की प्रतिमा की साफ सफाई करते हुए विद्यालय परिसर में पौधरोपण कर कवि को पुष्पांजलि अर्पित की गई। संस्थान के सचिव सुधीर बर्त्वाल ने कवि की कविता यात्रा के बारे में विस्तार से चर्चा की।

वहीं उपाध्यक्ष गिरीश बेंजवाल ने संस्थान द्वारा कवि की स्मृति में किए गये कार्यों के बारे में बताया। कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य बीएस पंवार, शिक्षक धीरसिंह नेगी, दीपक बेंजवाल, कालिका काण्डपाल, कुसुम भट्ट, चन्द्रसिंह नेगी, गजेन्द्र रौतेला, परविन्दर रावत, दीपराम गोस्वामी, सुधांशु शेखर, भगवान सिंह आदि रहे।

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