देहरादून: आजादी के अमृत महोत्सव के तहत “किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी अभियान” के अन्तर्गत केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री, नरेंद्र तोमर ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के लगभग एक लाख कृषको को सम्बोधित किया। कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने भी प्रतिभाग किया। इस दौरान जोशी ने राज्य में जनपदों के विभिन्न कृषकों को भी सम्बोधित किया। उन्होंने कृषकों को भारत सरकार एवं राज्य सरकार के माध्यम से कृषक हित में चलाये जा रहे महत्वूर्ण कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराया। वहीं सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित कृषकों से यह जानकारी भी ली कि संचालित योजनओं का लाभ कृषकों को धरातल में मिल रहा है या नहीं। साथ ही योजनाओं को लेकर कृषकों से सुझाव भी मांगेI
कार्यक्रम के दौरान सुझावों को लेकर कृषक कृषक सुभाष चौहान ने देहरादून हेतु खरीफ में धान की फसल के साथ मडुवा फसल को सम्मिलित किये जाने का अनुरोध किय, तो कृषक अनिल कुमार नौटियाल ने कहा कि कृषि एवं उद्यान की योजनाओं के माध्यम से आय में वृद्धि हुई है एवं फसलों की उत्पादकता वृद्धि के साथ-साथ अन्य कृषि विविधीकरण को भी अपनाया जा रहा है। कृषक नौटियाल ने क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं की मांग की ।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने विभाग को कृषकों द्वारा दिये गये सुझाव पर कार्य करने के निर्देश दिये और राज्य में माह मई में दो स्थानों पर वृहद किसान मेला आयोजित करने एवं किसानों तक योजनाएं समय से पूर्ण जानकारी के साथ पहुंच सके इस हेतु किसान काल सेंटर एवं कृषि एवं उद्यान विभाग का सम्मिलित एप भी विकसित करने के निर्देश दिये। कृषकों के सुझाव हेतु विधान सभा, मंत्री आवास, कृषि निदेशालय के साथ-साथ समस्त जनपद मुख्यालय पर सुझाव पेटिका स्थापित करने की बात कही। निर्देश दिए कि योजनाओं का क्रियान्वयन व्यापक प्रचार-प्रसार से किया जाये एवं समस्त विकासखण्ड, न्याय पंचायत एवं जनपद स्तर पर कार्मिकों की उपस्थिति सुनिश्चित हो। लापरवाही होने पर कार्यवाही भी की जायेगी। कैबिनेट मंत्री द्वारा अपना मोबाईल नम्बर भी कृषकों को अवगत कराया गया जिस पर कृषक सुझाव दे सकते है। फसल बीमा का लाभ अधिक से अधिक कृषको को प्राप्त हो सके इसके लिए बीमित इकाई ग्राम पंचायत की जाये तथा प्रस्ताव प्रेषित किया जाये।
कार्यक्रम में शैलेश बगोली, सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग, डा. राम बिलास यादव, अपर सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग, गौरी शंकर, कृषि निदेशक, उत्तराखण्ड एवं एच. एस. बावेजा, उद्यान निदेशक के साथ-साथ लगभग 40 कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। विभिन्न जनपदों के 7800 CSC के माध्यम से लगभग 01 लाख कृषक कार्यक्रम से लाभान्वित हुए।