रुद्रप्रयाग।
जनपद रुद्रप्रयाग के ग्रामीण इलाकों में भालू की गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे आम लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। मंगलवार सुबह चिनग्वाड़ ग्रामसभा से जुड़े लाटधार तोक में उस समय अफरातफरी मच गई, जब स्कूल जा रहे बच्चों और उनके अभिभावकों को रास्ते में अचानक भालू दिखाई दिया। भालू को सामने देखकर सभी लोग घबरा गए और जान बचाकर घरों की ओर लौट गए। इस घटना के चलते बच्चे स्कूल नहीं जा सके।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह करीब आठ बजे चिनग्वाड़ गांव के प्रियांशु और सचिन को उनके परिजन राजकीय इंटर कॉलेज पीड़ा छोड़ने जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में एक पेड़ पर बैठा भालू नजर आया। परिजनों ने शोर मचाकर भालू को भगाने का प्रयास किया, लेकिन भालू उनकी ओर बढ़ने लगा। स्थिति गंभीर होते देख सभी लोग वहां से दौड़ पड़े और गांव पहुंचकर अन्य ग्रामीणों को घटना की सूचना दी।
घटना के बाद से लाटधार तोक सहित आसपास के गांवों में दहशत फैल गई है। ग्रामीणों का कहना है कि अब महिलाएं रोज सुबह बच्चों को स्कूल भेजने के लिए उनके साथ जाती हैं और रास्ते में थाली बजाकर व शोर मचाकर आगे बढ़ रही हैं, ताकि जंगली जानवरों को दूर रखा जा सके। इसके बावजूद अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
पीड़ा क्षेत्र में मवेशी पर जानलेवा हमला
इधर, चिंगवाड़ से सटे पीड़ा क्षेत्र में भालू ने एक मवेशी पर हमला कर उसे मार डाला। इस घटना के बाद ग्रामीणों में गुस्सा और डर दोनों बढ़ गए हैं। लोगों ने वन विभाग से क्षेत्र में नियमित गश्त बढ़ाने और संवेदनशील इलाकों में विशेष सुरक्षा व्यवस्था करने की मांग की है।
मक्कूमठ ब्लॉक में भी भालू की दस्तक
वहीं ऊखीमठ ब्लॉक के मक्कूमठ स्थित धरोडा गांव में भी भालू ने दो मवेशियों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। यह घटना सोमवार रात की बताई जा रही है। भालू ने लक्ष्मण सिंह चौहान की गोशाला को तोड़कर मवेशियों को नुकसान पहुंचाया, जिससे इलाके में दहशत और बढ़ गई है।
वन विभाग अलर्ट, क्यूआरटी सक्रिय
भालू से जुड़ी घटनाओं में इजाफा होने के बाद वन विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है। उप वन प्रभागीय अधिकारी रुद्रप्रयाग देवेंद्र सिंह पुंडीर ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखी जा रही है और नियमित गश्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि क्यूआरटी टीम को भी अलर्ट पर रखा गया है, जो सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच रही है।
उन्होंने ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि अकेले जंगल या सुनसान रास्तों पर न जाएं और जरूरत पड़ने पर मिर्ची धूमन जैसे उपाय अपनाएं। वन विभाग ने किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सूचना देने की अपील की है।