देहरादून: धर्म संसद में नफरती भाषण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दखल देने के बाद स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार इस पूरे मामले में नाकाम साबित हुई है। वहीं रावत ने सर्वोच्च न्यायालय के इस दखल को राज्य सरकार के मुंह पर करारा तमाचा बताया।
कहा कि किसी भी स्टेट में कानून व्यवस्था राज्य सरकार का विषय होता है। एफईआर या शिकायत दर्ज कराना एक नागरिक का अधिकार है लेकिन जब उस पर सुनवाई न हो, तो ऐसे मामलों में कोर्ट दखल देती हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में भी यदि सुप्रीम कोर्ट को दखल देना पड़ा है तो इसका मतलब है कि इसमें कुछ विशेष निकलकर सामने आया है। तभी कोर्ट ने इसे दखल के लायक समझा है। यह सीधे-सीधे राज्य सरकार के मुंह पर एक तमाचा है। इस पूरे मामले में राज्य सरकार बेनकाब हो गई है।