देहरादून: बीते सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के दो सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई की एक साक्षात्कार में दी गई टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। इन दोनों के अलावा विभिन्न विपक्षी पार्टियों के कई अन्य सांसद भी गोगोई के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव का नोटिस पेश कर सकते हैं।
साक्षात्कार में गोगोई से पत्रकार श्रीनिवासन जैन ने संसद में उनकी कम उपस्थिति को लेकर सवाल किया था। तो उन्होंने इस पर टिपण्णी कर दी।
जैन का सवाल था, ‘जब से आप सांसद बने हैं, लगभग 68 बैठकें हुई हैं, जिसमें से आपने सिर्फ छह में हिस्सा लिया है।‘अगर विचार जनसेवा का था तो संसद में आपकी उपस्थिति 10 फीसदी से कम क्यों हैं?’ जिसके जवाब में गोगोई ने कहा था कि वह सही हैं। पूर्व सीजेआई ने कहा, ‘आपने इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया कि एक या दो सत्र में मैंने सदन को एक पत्र सौंपा था, जिसमें कहा गया था कि कोविड-19 की वजह से मेडिकल आधार पर मैं संसद की कार्यवाही में शामिल नहीं हो रहा हूं। क्या आप जानते हैं कि एक समय तक शायद संसद के पिछले सत्र तक आप राज्यसभा में आरटी-पीसीआर टेस्ट के बाद ही जा सकते थे और मैं वहां जाने को लेकर सहज महसूस नहीं कर रहा था। महमारी के बीच आज भी मैं राज्यसभा जाने को लेकर सहज महसूस नहीं करता।’
जब उनसे पूछा गया कि ,कोविड-19 की वजह से संसद में उपस्थिति कम है तो इस पर गोगोई ने कहा, ‘सोशल डिस्टेंसिंग के नियम लागू हैं, लेकिन उनका सही तरीके से पालन नहीं किया जा रहा। वहां बैठने की व्यवस्था को लेकर मैं सहज नहीं हूं, लेकिन बात यह नहीं है। दरअसल मुझे जब लगेगा कि मुझे राज्यसभा जाना चाहिए, मैं जाऊंगा। जब मुझे लगेगा कि महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर मुझे अपनी बात रखनी चाहिए, मैं जाऊंगा।’ उन्होंने कहा, ‘क्योंकि मैं नामित सदस्य हूं, इसलिए मैं किसी पार्टी ह्विप से बंधा हुआ नहीं हूं। जब मेरा मन करता है मैं राज्यसभा जाता हूं, मैं सदन का स्वतंत्र सदस्य हूं।’
इस दौरान जब उनसे सीजेआई के रूप में सेवानिवृत्त होने के कुछ महीने बाद मनोनीत सांसद की भूमिका स्वीकार करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘राज्यसभा का क्या जादू है? अगर मैं किसी ट्रिब्यूनल का चेयरमैन बनता तो अधिक बेहतर वेतन और सुविधाएं होतीं। मैं राज्यसभा से एक पैसा भी लेकर नहीं जाता।’
इस बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘गोगोई की यह टिप्पणी कि जब उनका मन करेगा, वह संसद की कार्यवाही में शामिल होंगे। यह संसद का अपमान है।’
इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस के सांसद एथिक्स समिति के समक्ष भी गोगोई के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं। टीएमसी सांसद जवाहर सरकार और मौसम नूर द्वारा दिए गए प्रस्ताव को अभी राज्यसभा सचिवालय ने स्वीकार नहीं किया है।