नई दिल्ली/कोलंबो।
चक्रवात दितवाहा के चलते श्रीलंका में व्यापक नुकसान हुआ है और सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस आपदा की घड़ी में भारत ने पड़ोसी देश के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए ऑपरेशन सागर बंधु के तहत श्रीलंका को 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर के राहत सहायता पैकेज का प्रस्ताव दिया है।
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत संकट के समय श्रीलंका के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने बताया कि यह सहायता पैकेज चक्रवात से प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों को गति देने, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए दिया जाएगा।
डॉ. जयशंकर इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के रूप में श्रीलंका के आधिकारिक दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेरथ के साथ मुलाकात कर द्विपक्षीय सहयोग और आपदा से निपटने के प्रयासों पर चर्चा की। इसी बैठक में भारत की ओर से 450 मिलियन डॉलर के सहायता प्रस्ताव की जानकारी साझा की गई।
विदेश मंत्री ने श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से भी भेंट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक विशेष पत्र सौंपा। पत्र में चक्रवात से हुई जनहानि और नुकसान पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए भारत की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया गया है।
भारत और श्रीलंका के संबंध ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ रहे हैं। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भारत द्वारा तत्काल सहायता प्रदान करना उसकी पड़ोसी प्रथम नीति और क्षेत्रीय सहयोग की भावना को दर्शाता है। ऑपरेशन सागर बंधु के माध्यम से भारत ने यह स्पष्ट किया है कि वह संकट की हर घड़ी में अपने पड़ोसी देशों के साथ खड़ा रहेगा।