देहरादून: 2022 के आम बजट के पेश होने के बाद में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया। इससे कर्मचारियों और शिक्षकों में निराशा का भाव है। जिसके बाद आम बजट पर पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई लड़ रहे संगठनों ने मिलिजुली प्रतिक्रिया दी है। संगठनों का कहना है कि 14 प्रतिशत सरकारी अंशदान पर आयकर छूट तो स्वागत योग्य कदम है, लेकिन बेहतर होता कि अगर सरकार पुरानी पेंशन को बहाल कर दे।
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के पूर्व प्रांतीय कोषाध्यक्ष सतीश घिल्डियाल ने मामले में कहा कि शिक्षकों और कर्मचारियों को इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद थी। उन्हें यह उम्मीद थी कि स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से एक लाख किया जाएगा, धारा 80 सी में छूट की सीमा को डेढ़ लाख से बढ़ाकर तीन लाख की जाएगी। साथ ही मुक्त आय की सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख किये जाने की उम्मीद लगाई गयी थी, लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं हुआ।
राष्टीय आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने कहा कि सरकार ने 14 प्रतिशत अंशदान पर आयकर में छूट देकर अच्छा किया है लेकिन अच्छा होता अगर सरकार एनपीएस को समाप्त कर पुरानी पेंशन को लागू करती। जो लाखों कर्मचारियों के भविष्य से जुड़ा हुआ है और कर्मचारी एनएमओपीएस के बैनर तले लगातार आंदोलनरत हैं।