तिरुवनंतपुरम। नेवी डे के अवसर पर बुधवार को तिरुवनंतपुरम के शंगुमुघम बीच पर भारतीय नौसेना ने अपनी सामरिक और तकनीकी क्षमता का भव्य प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रहीं, जहां समुद्र, आसमान और सतह—तीनों मोर्चों पर नौसेना की शक्ति का प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया गया।
‘आत्मनिर्भरता राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूती देती है’—राष्ट्रपति
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता रक्षा क्षेत्र को और अधिक सक्षम बना रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारतीय नौसेना स्वदेशी तकनीक और निर्माण क्षमता के साथ ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य में अहम योगदान देगी।
युद्धपोत, पनडुब्बी और लड़ाकू विमानों का दमदार प्रदर्शन
इस अवसर पर नौसेना ने 19 बड़े युद्धपोतों, एक पनडुब्बी और चार फास्ट इंटरवेशन बोट्स के साथ अपनी सामरिक तैयारी दिखाई।
- स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा।
- आकाश में 32 विमान, जिनमें लड़ाकू जेट, निगरानी विमान और हेलिकॉप्टर शामिल थे, ने अपनी उड़ान क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
विशेष आकर्षण:
- आईएनएस कोलकाता, आईएनएस इंफाल और आईएनएस उदयगिरी जैसे आधुनिक युद्धपोतों की मौजूदगी।
- आईएनएस विक्रांत से MiG-29K के टेक-ऑफ पर दर्शकों की जोरदार तालियां।
- MH-60R हेलिकॉप्टर द्वारा फ्लेयर्स छोड़कर राष्ट्रपति को दी गई सलामी।
- डॉर्नियर विमान का ‘बॉम्ब बर्स्ट’ फॉर्मेशन।
मार्कोस कमांडो का लाइव ऑपरेशन
कार्यक्रम में नौसेना के विशेष बल मार्कोस ने समुद्री डकैती और बंधक बचाव अभियान का लाइव प्रदर्शन किया। इसने नौसेना की त्वरित प्रतिक्रिया और ऑपरेशनल विशेषज्ञता का वास्तविक अनुभव दर्शकों को कराया।
राष्ट्रपति ने नौसेना की सराहना की
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि समुद्री सुरक्षा, जहाज निर्माण को बढ़ावा और नाविकों के सम्मान के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना जरूरी है। उन्होंने भारतीय नौसेना के उज्जवल भविष्य और सफलता की कामना की।
गार्ड ऑफ ऑनर और तोपों की सलामी
कार्यक्रम से पहले राष्ट्रपति का स्वागत राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने किया।
- उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
- आईएनएस कोलकाता से राष्ट्रपति के सम्मान में तोपों की सलामी भी दी गई।
अधिकारियों के अनुसार, यह आयोजन आम जनता के लिए नौसेना की ताकत और तैयारी को करीब से समझने का एक अनूठा अवसर था।