देहरादून: उत्तराखंड के हल्द्वानी में वनभूलपुरा इलाके में रेलवे की ज़मीन पर बन चुके 4000 से ज़्यादा मकानों के टूटने के आसार बन गए हैं और लोग तोड़-फोड़ से पहले ठीक से पुनर्वास किए जाने की मांग करने लगे हैं। वहीं दूसरी ओर टिहरी में बुलडोज़र चलने के बाद स्थानीय लोगों ने इसे पुष्कर धामी सरकार के मंत्री सतपाल महाराज का दबाव बताकर दलितों के खिलाफ अन्याय करार देकर विवाद खड़ा कर दिया है।
मकानों को हटाने के लिए हाई कोर्ट ने रेलवे और ज़िला प्रशासन से योजना के बारे में पूछा है. कोर्ट के इस रुख के बाद सरकारी ज़मीन पर बसे इन मकानों के तोड़े जाने का अंदेशा है। अब यहां के लोग मकानों को तोड़ने से पहले जगह देने की मांग कर रहे हैं। यह मामला राजनीतिक रंग लेता दिखाई दे रहा है।
हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश जनता को मदद का भरोसा देते हुए कह रहे हैं कि जो लोग सालों से इस ज़मीन पर रह रहे हैं, उनकी ज़मीन बचाने के लिए वो देश की सबसे बड़ी अदालत से राहत लेकर आएंगे। इससे पहले भी हल्द्वानी में कुछ अतिक्रमण तोड़े जाने का विरोध कर चुके हृदयेश आरोप लगा चुके हैं कि कांग्रेस समर्थकों के निर्माणों को भाजपा सरकार बदले की भावना से निशाना बना रही है।