देहरादून: महाकुंभ कोविड टेस्टिंग घोटाले पर पहली बार मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बयान दिया है। उन्होंने कहा मैं मार्च में मुख्यमंत्री बना हूं, ऐसे में यह प्रकरण बहुत पुराना है। सीएम ने कहा कोविड टेस्टिंग फर्जीवाड़ा उनके कार्यकाल से पहले का है, उनको इसकी जानकारी दिल्ली में हुई थी, लेकिन इसके बावजूद पूरे फर्जीवाड़े की जांच चल रही है, जो भी मामले में दोषी होगा, उसको सख्त सजा दी जाएगी। सीएम तीरथ आज देहरादून कैंट छावनी परिषद जनरल अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कुंभ कोविड टेस्ट फर्जीवाड़े को लेकर बेबाकी से राय रखी। उन्होंने कहा कि मामले में उनके पदभार संभालते ही जांच बैठा दी गई थी। वह चाहते हैं कि इस पूरे प्रकरण का पर्दाफाश हो, ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके। मुख्यमंत्री रावत ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि भले ही यह मामला उनके कार्यकाल से पहले का है, लेकिन उसके बावजूद उनके द्वारा इसमें जांच बिठाई गई है, जो भी इस जांच में दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बता दें कि हरिद्वार महाकुंभ 2021 में किए गए कोविड टेस्ट को लेकर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। कुंभ के दौरान सरकार द्वारा 20 निजी टेस्ट लैब के साथ एंटीजन टेस्ट के लिए अनुबंध किया गया था। इनमें से एक निजी टेस्ट लैब द्वारा जारी किये गये कोविड एंटीजन रिपोर्ट्स में बड़ा फर्जीवाड़ा देखने को मिला है।प्राथमिक जांच में पाया गया कि एक ही मोबाइल नंबर और आधार पर कई फर्जी रिपोर्ट जारी किए गए हैं, जो पूरी तरह से लोगों की जिंदगियों से साथ खिलवाड़ है। मामला संज्ञान में आने पर हरिद्वार सीएमओ और जिलाधिकारी द्वारा इस पर प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है। वहीं, उत्तराखंड शासन की ओर से भी इस पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं