-चिपको के बाद यही पुकार, जंगल न जलने देंगे अबकी बार
गोपेश्वर: चिपको आंदोलन की मातृ संस्था और सी पी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र ” चिपको के बाद यही पुकार, जंगल न जलने देंगे अबकी बार ” के संदेश के साथ वनग्नि के खिलाफ जन जागरुकता के लिए चिपको के मातृ गाँव खल्ला से पद यात्रा का शुभारंभ किया गया।
इस दौरान आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता वयोवृध् चिपको आंदोलन कारी मुरारी लाल ने कहा कि यह वनांदोलनो की जन्म भूमि रहा है। विश्व ब्यापी पर्यावरण संरक्षण का संदेश चिपको का सूत्रपात भी इसी गाँव के आंगन से हुआ। चिपको की लडाई से कुल्हाड़ी से तो पेड़ों को बचा लिया लेकिन अब हमारे समक्ष एक छोटी सी तिली से भड़कने वाली वनग्नि से अपने जंगलो को बचाने की चुनौती है।
गोष्ठी के दौरान अपने विचार रखते हुए रेंज अधिकारी आरती मैठाणी ने ग्राम स्तरीय फॉरेस्ट फायर निरोधक कमेटी के गठन पकी बात कहने के साथ ही कहा कि हम सभी को मिलकर आग से अपने वनों को बचना है। इस प्रकार की आपदाओं से सामूहिक प्रयासो एवं जनभागीदारी से ही निपटा जा सकता है।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए सी पी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र के प्रबंध न्यासी ओम प्रकाश भट्ट ने कहा कि न्यास द्वारा क्षेत्र में वनागनि की बड़ती घटनाओ को देखते हुए न्यास द्वारा वनागनि से सर्वाधिक प्रभावित प्रभावित क्षेत्रों में इसके खिलाफ जन जागरण एवं अध्यन यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। जिससे स्थानीय स्तर पर ही संवाद के द्वारा इसके कारणों एवं निदान के उपायों पर चर्चा हो सके। और हमारे वन आग की विपदा से सुरक्षित रह सके।
इस दौरान गोष्ठी में मंगला कोठियाल, वीरेंद्र सिंह रेखा देवी ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन विनय सेमवाल ने किया। इस दौरान कार्यक्रम में मोहित सिंह,गौरव,गोविंद सिंह, वीरेंद्र सिंह, माया प्रसाद, महाविर सिंह, शेर सिंह, चिरंजी प्रसाद, महेश्वरी देवी, उमा देवी, नंदा देवी, उमा देवी, रेखा देवी, उषा देवी, सवोत्री देवी, शंकुतला देवी, सुनीता देवी, सहित क्षेत्र के लोग उपस्थित थे