देहरादून : विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद से एक ओर आशा तथा दूसरी ओर निराशा का भाव उमड़ रहा है I चुनाव की हार जीत के बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की हार के साथ ही उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। हरीश रावत के साथ-साथ यह उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है। उनके राजनीतिक भविष्य के साथ उन मुद्दों पर भी बहस शुरू हो गई है, जिन्हें वह उठाते रहे हैं। अपनी पराजय पर हरदा ने सोशल मीडिया पर एक भावुक संदेश जारी किया है I
हरीश रावत को पार्टी ने चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। अघोषित तौर पर वह सीएम पद का चेहरा भी थे, लेकिन इस बार भी भाजपा की आंधी में वह लालकुआं का किला नहीं बचा पाए। उन्होंने अपनी हार के बाद सोशल मीडिया पर एक भावुक संदेश जारी किया है। जिसमे उन्होंने लिखा,‘ मैं लालकुआं क्षेत्र के लोगों से (बिंदुखत्ता, बरेली रोड के सभी लोगों से) क्षमा चाहता हूं कि मैं उनका विश्वास अर्जित नहीं कर पाया और जो चुनावी वादे मैंने उनसे किए, उनको पूरा करने का मैंने अवसर खो दिया है।
उन्होंने लोगों को संदेश देते हुए आगे लिखा कि – बहुत अल्प समय में आपने मेरी ओर स्नेह का हाथ बढ़ाने का प्रयास किया और मैं अपने आपको आपके बढ़े हुए हाथ की जद में नहीं ला पाया। कांग्रेसजनों ने अथक परिश्रम कर मेरी कमजोरियों को ढंकने और जनता के विश्वास को मेरे साथ जोड़ने का प्रयास किया। उसके लिए मैं अपने सभी कार्यकर्ता साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। एक बार राजनीतिक स्थिति में स्थायित्व आ जाए, लोगों का ध्यान अपने दैनिक कार्यों पर आ जाए तो मैं, लालकुआं क्षेत्र के लोगों को धन्यवाद देने के लिए उनके मध्य पहुंचूंगा।’ हरीश रावत ने विजयी प्रत्याशी को बधाई और शुभकामनाएं भी दीं।