देहरादून : उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित फूलों की घाटी 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फैली है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित फूलों की घाटी इस बार समय से पहले ही महकने लगी है। घाटी में फूल खिलने लग गए हैं। एक जून से घाटी पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी I घाटी में फूलों का समय से पहले खिलने का कारण उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फ का जल्दी पिघलना माना जा रहा है। फूलों की घाटी विभिन्न तरह के फूलों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
यहां पर अक्सर मई के आखिरी और जून के प्रथम सप्ताह से फूल खिलने शुरू हो जाते हैं। इस बार घाटी में दो सप्ताह पहले ही कई तरह के फूल खिल चुके हैं, जिसमें पोटैंटिला, वाइल्ड रोज, मोरया लोगी, फूलीया, प्रिमुला आदि फूल शामिल हैं।
यहां पर बर्फ पिघलने के बाद फूलों के पौधों में नई कोंपलें आने लगती हैं और इसके साथ ही उनमें फूल खिलने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस बार भी सर्दियों में अच्छी बर्फबारी हुई थी, लेकिन तेज गर्मी पड़ने से बर्फ तेजी से पिघल गई है, जिससे चलते यहां समय से पहले फूल खिलने शुरू हो गए हैं।
फूलों की घाटी रेंज के वन क्षेत्राधिकारी बृज मोहन भारती का कहना है कि घाटी में इस वर्ष फूल खिलने का दौर दो सप्ताह पहले ही शुरू हो गया है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फ जल्द पिघलने के कारण ऐसा हो रहा है।
फूलों की घाटी जुलाई और अगस्त महीने में अपने चरम पर होती है। इस दौरान घाटी में 300 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। इसी समय यहां देश-विदेश के सबसे अधिक सैलानी फूलों का दीदार करने आते हैं। इन दो महीनों तक घाटी पर्यटकों से गुलजार रहती है