रुड़की: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की ने नए डिजाइन विभाग (डीओडी) की स्थापना की है। इसके तहत शैक्षिक वर्ष 2021-22 में दो नए पोस्ट ग्रैजुएट प्रोग्राम मास्टर्स इन डिजाइन (औद्योगिक डिजाइन) और मास्टर्स इन इनोवेशन मैनेजमेंट (एमआईएम) शुरू किए।
नए विभाग की स्थापना के पीछे आईआईटी रुड़की में डिजाइन और नवाचार की विरासत को आगे बढ़ाना और समाज, उद्योग जगत और अन्य हितधारकों की सक्रिय भागीदारी से मानव-पर्यावरण जुड़ाव बढ़ाने का लक्ष्य है।
नए डिजाइन विभाग का लक्ष्य डिजाइन और इनोवेशन के क्षेत्र में ज्ञान सृजन, विकास और प्रसार करना है। इसके लिए इनोवेशन और समस्या समाधान का माहौल बनाया जाएगा। साथ ही, डिजाइन पर आधारित शिक्षा देते हुए सुनियोजित डिजाइन प्रक्रिया का विकास किया जाएगा।
इस पहल में व्यापारिक अवसर और देश का आर्थिक विकास बढ़ाने के कार्यों पर जोर दिया जाएगा। इस लक्ष्य से डीओडी अंतःविषयी डिजाइन-केंद्रित शिक्षा, शोध और उद्यमशीलता को बढ़ावा और आवश्यक सुविधा प्रदान करेगा।
साथ ही, डिजाइन इनोवेशन प्रक्रियाओं का डाॅक्युमेंटेशन और अभिलेख भंडार तैयार करेगा जो औद्योगिक डिजाइन और नवाचार के व्यापक क्षेत्र में जानकारी और ज्ञान के संसाधन केंद्र का कार्य करेगा। विभाग, शिक्षा और उद्योग जगत के बीच संपर्क बढ़ाने में सक्रिय रहेगा।
इसके परिणामस्वरूप आपसी सहयोग से समााजिक मुद्दों का हल निकलेगा और महत्वपूर्ण उत्पादों में बड़े सकारात्मक बदलाव आएंगे।
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने बताया, ‘‘हमारे संस्थान में एक नया डिजाइन विभाग खुलने की मुझे बहुत खुशी है। इसने एम.डिज. और एमआईएम प्रोग्राम शुरू कर दिया है।
कहा आज के समय और इस युग में पूरी दुनिया में इनोवेशन प्रधान डिजाइन से उद्योग जगत और समाज की समस्याओं का समाधान हो रहा है। शुरुआती रुझान दर्शाते हैं कि दोनों दोनों प्रोग्राम को लेकर पूरे देश के विद्यार्थियों में उत्साह है।
प्रो. अपूर्ब कुमार शर्मा, डीन, अकादमिक कार्य, आईआईटी रुड़की ने कहा, ‘‘इनोवेशन और डिजाइन न केवल संगठनात्मक कार्य या औद्योगिक संचालन और परिणामों के मुख्य वाहक हैं बल्कि जन जीवन के महत्वपूर्ण घटक हैं – जीवनयापन और मंथन के माध्यम हैं।
उन्होंने कहा इनोवेशन और आधुनिक डिजाइन न हों तो निजी जीवन, काम-काज और सामाजिक प्रगति रुक जाएगी। इनोवेशन और डिजाइन के बुनियादी तत्व हैं सब का विकास, सतत विकास, मंथन, दूरदर्शिता, पर्यावरण और सामाजिक सजगता, समस्या हल करने की इच्छा शक्ति और अनुकूलन।
डीओडी (आईआईटी रुड़की) का लक्ष्य, विद्यार्थियों में इन गुणों का विकास करना है ताकि वे एक बेहतर भविष्य बनाएं और देश की बागडोर थामने वालों को वैश्विक दृष्टिकोण दें।
प्रो. इंद्रदीप सिंह, प्रमुख, डीओडी, आईआईटी रुड़की ने इनोवेशन और डिजाइन को देश की प्रगति की धूरी बताया।
उन्होंने कहा इनोवेशन और डिजाइन से कई अहम् निर्णय निर्धारित होतेे हैं जैसे कि किन वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन और खरीदारी करें और कैसे करेंय और उनके उत्पादन में कितनी राशि खर्च होगी। ऐसी वस्तुओं और सेवाओं की अंदरूनी विशेषताएं ही उनकी कीमत और मांग निर्धारित करती हैं जबकि इसमें इनोवेशन और डिजाइन की अहम् भूमिका होती है।
इसलिए यह अनिवार्य है कि इनोवेशन और डिजाइन को किसी व्यवसाय और मानवीय गतिविधि की बुनियाद के रूप में देखा जाए। डीओडी विद्यार्थियों में इन मूल्यों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है ताकि वे निर्माण, विकास, सेवा और उद्यम हर क्षेत्र में उत्कृष्टता की मिसाल बनें।