छात्रों को रक्षा तकनीक में बनाएंगे दक्ष, विवि का उद्देश्य है स्टार्टअप और शोध कार्यों को बढ़ावा देना

देहरादून: वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डा.पीपी ध्यानी ने कहा कि तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को रक्षा तकनीक में दक्ष किया जाएगा। विवि का उद्देश्य स्टार्टअप और शोध कार्यों को बढ़ावा देना है, जिससे हमारा देश रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेगा।

उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विवि में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की ओर से इन्क्यूबेशन एंड स्टार्टअप इन डिफेंस एप्लीकेशन विषय पर एक सप्ताह का फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आनलाइन माध्यम से आयोजित किया जा रहा है। रविवार को कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि विवि के कुलपति डा.पीपी ध्यानी किया। उन्होंने कहा कि विवि ने आर्मी डिजाइन ब्यूरो के साथ एमओयू किया है।

कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड राज्य में रक्षा तकनीक का विकास करना है। विवि के कुलसचिव आरपी गुप्ता ने कहा कि विवि ने फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम कराए जाने के लिए आर्मी डिजाइन ब्यूरो के साथ करार किया है, जिसके तहतविभिन्न तकनीकी और व्यवसायिक विषयों पर जानकारी दी जा रही है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि समन्वयक डिफेंस सिस्टम उत्तराखंड कर्नल वीएस रावत ने कहा कि यह उत्तराखंड राज्य के अंदर पहली ऐसी पहल है।

इसके तहत रक्षा क्षेत्र में शोध को बढ़ावा मिलेगा। इस मौके पर डा.ममता रावत, कर्नल शशांक कौशल, मेजर जनरल अभय कार्की (सेनि), लेफ्टिनेंट जनरल पीएम बाली (सेनि) आदि ने सेना में इस्तेमाल की जा रही तकनीक की जानकारी दी। देशभर के 52 तकनीकी शिक्षण संस्थानों से 160 शिक्षक कार्यक्रम से जुड़े। संचालन विवि के समन्वयक प्रो. अमित अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर शिक्षक अलप महर, भास्कर चौधरी, डा.विशाल शर्मा आदि मौजूद रहे।

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