Election 2024 Update: उत्तराखंड में 1365 बूथ हुए अति संवेदनशील की श्रेणी में चिन्हित, इस तरह किया जा रहा चिंहित…

उत्तराखंड में आगामी लोक सभा चुनाव को लेकर अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे लगातार सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग कर रहे है। वहीं प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने क्रिटिकल और वल्नरबल बूथों के चिन्हीकरण के निर्देश दिये गये हैं। वहीं इसी के चलते राज्य में 1365 क्रिटिकल बूथ और 809 संवेदनशील बूथ चिन्हित किए गए हैं। इसको लेकर उन्होंने बताया कि संवेदनशील बूथ की श्रेणी में ऐसे बूथ आते हैं, जिनमें पहले निर्वाचन के दौरान कोई घटना हुई हो, जहाँ आपराधिक मामला शामिल हो। या फिर उस स्थान पर कोई गंभीर घटना या अपराध घटित हुआ हो जिससे चुनाव बाधित हुआ होगा।

वहीं भारत निर्वाचन आयोग द्वारा क्रिटिकल बूथ के भी मानक तय किये गये हैं। जिसके अनुसार यदि किसी बूथ में गत निर्वाचन में 10 प्रतिशत से कम मतदान हुआ हो उसे क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में रखा गया है। जबकि अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ऐसे बूथ जिनमें गत वर्ष 90 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है और उसमें से 75 प्रतिशत से अधिक मतदान किसी एक ही प्रत्याशी के पक्ष में हुआ हो, उसे भी क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में चिन्हित किया जाता है।

साथ ही उन्होंने बताया कि यदि किसी बूथ पर मतदान के दिन औसत से अधिक लोगों ने एपिक के अलावा अन्य दस्तावेजों का प्रयोग किया है, तो उस बूथ को भी क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में चिंहित किया जाता है। वहीं बताया कि इन क्रिटिकल व संवेदनशील बूथों के चिन्हीकरण सेक्टर ऑफिसर और सेक्टर पुलिस ऑफिसर के माध्यम से होता है। वहीं अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चिन्हित संवेदनशील बूथों में विशेष ध्यान रखने के लिए पुलिस बल और अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की जाती है।

वहीं इसके अलावा क्रिटिकल बूथों पर माईक्रो आर्ब्जवर की तैनाती, वेबकास्टिंग और वीडियोग्राफी की व्यवस्था, अतिरिक्त मतदान टीम की व्यवस्था की जाती है। उन्होंने बताया कि राज्य में सर्वाधिक क्रिटिकल बूथ हरिद्वार जनपद में जहाँ 344, देहरादून  में 278 और उधमसिंह नगर में 158 पाये गये हैं। जबकि अभी तक सबसे अधिक संवेदनशील बूथ देहरादून में 243, उधमसिंह नगर में 229 और नैनीताल जनपद में 201 पाये गए हैं।