देहरादून: सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वधान में अर्थ एवं संख्या विभाग ने राज्य स्तरीय पर्यावरणीय संबंधी डाटा एकत्रीकरण को लेकर उत्तर भारतीय राज्यों का दो दिवसीय क्षेत्रवार प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन देहरादून के एक होटल में किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में 10 राज्य जम्मू कशमीर, हिमांचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चण्डीगढ़, दिल्ली उत्तराखण्ड, बिहार, लद्दाख के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। इन राज्यों के साथ-साथ सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम मंत्रालय, भारत सरकार के प्रतिनिधि भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित थे। उत्तराखण्ड राज्य से अर्थ एवं संख्या, निदेशालय के अधिकारियों के साथ-साथ वन, मत्स्य, राज्य योजना आयोग तथा पर्यावरण निदेशालय के अधिकारियों ने भी कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया।
सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय भारत सरकार से राकेश कुमार मौर्य के ERT System of Environmental-Economic Accounting- Ecosystem Accounting को तैयार किये जाने की रूपरेखा को लेकर विस्तृत प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसके अनुसार उत्तराखण्ड राज्य में भी पर्यावरणीय लेखांकन तैयार किया जायेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जीतेन्द्र सोनकर, अपर सचिव नियोजन ने की। उन्होंने बताया कि राज्य के विकास एवं नीति निर्माण के लिए पर्यावरणीय लेखांकन महत्वपूर्ण होगा साथ ही जिसका प्रयोग नीति निर्माण में किया जायेगा। निदेशक अर्थ एवं संख्या ने बताया कि वर्तमान समय में पर्यावरण को अर्थव्यवस्था से जोड़ना अति आवश्यक है, क्योंकि बिना पर्यावरण संरक्षण के अर्थव्यवस्था के विकास की परिकल्पना करना असम्भव है। राज्य में 71 प्रतिशत के अधिक वन क्षेत्र है।
इस अवसर पर मेजर योगेन्द्र यादव, अपर सचिव नियोजन एस०पी०सुबुद्धि, निदेशक, पर्यावरण निदेशालय, उत्तराखण्ड सुशील कुमार, निदेशक, अर्थ एवं संख्या, उत्तराखण्ड, डॉ० मनोज कुमार पंत,कार्यक्रम की नोडल अधिकारी सुश्री चित्रा , निर्मल कुमार शाह, सतेन्द्र कुमार अग्रवाला, शालू भटनागर, अशोक कुमार, ब्रिजेश कुमार आदि उपस्थित थे।