देहरादून: कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी की अध्यक्षता में हुई कार्य परिषद की बैठक में शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। जिसके चलते अब उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से यूजी, पीजी, डिप्लोमा और डिग्री कोर्सों की पढ़ाई करना महंगा हो गया है। विभिन्न पाठ्यक्रमों में करीब 500 रुपये तक सेमेस्टर और वर्ष के अनुसार बढ़ाए गए हैं।
डिग्री शुल्क 300 से बढ़ाकर 500 रुपये और प्रोविजनल डिग्री शुल्क 100 से बढ़ाकर 200 रुपये कर दिया गया है। पुन: पंजीकरण शुल्क 2000 से बढ़ाकर 2500 रुपये किया गया है। यूओयू के कुलसचिव प्रो. पीडी पंत ने बताया कि विवि के नियम के अनुसार प्रत्येक पांच साल में शुल्क बढ़ाया जाता है।
इसी प्रक्रिया के तहत विभिन्न शुल्कों में वृद्धि की गई है और इसे नए सत्र से लागू किया जाएगा। विवि में आउटसोर्स कर्मियों के वेतन में वृद्धि के लिए कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी राज्य सरकार के नियमों के अनुसार वेतन वृद्धि को लेकर रिपोर्ट देगी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर इनका वेतन बढ़ाया जाएगा।
साथ ही तकनीकी एवं प्रशासनिक परामर्शदाताओं के वेतन में 2000 रुपये का इजाफा करने का प्रस्ताव कार्य परिषद ने मंजूर किया है। उपनल कर्मियों की स्थायीकरण सहित अन्य मांगों को सरकार को भेजने, सेवा संघों की मान्यता के लिए समिति गठित करने सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार कर अनुमोदन किया गया है।