देहरादून: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ने ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’’ कार्यक्रम का आयोजन किया| कार्यक्रम में जिलाधिकारी सोनिका ने बतौर अतिथि प्रतिभाग किया| इस दौरान उन्होंने अध्यनरत छात्राओं व बालिकाओं से मुलाकात की| जिलाधिकारी ने छात्राओं के सवालों का जवाब देते हुए उनकी शंकाओं को भी दूर किया।
जिलाधिकारी ने छात्राओं से संवाद करते हुए आत्मनिर्भर बनने के लिए पढाई और भविष्य पर ध्यान देने की बात कही| उन्होंने कहा कि आप ये मत सोचो की कोई आपके बारे में क्या बोल रहा है आप अपने लक्ष्य पर ध्यान दें। सफलता में शार्टकट नहीं होते इसलिए मेहनत करें सफलता जरूर मिलेगी। तकनीकी का इस्तेमाल आगे बढने के लिए करें लकिन इनके आदि न बने।
जिलाधिकारी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि अपने आप को किसी से कम न समझे। कई छात्राओं ने कहा कि कई बार आत्मविश्वास नही हो पाता कि हम कर पाएंगें, इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि खुद पर विश्वास करें आशा रखें तथा हिम्मत न हारें, यही सफलता के राज है। कई बार ऐसा होता है कि हमे सफलता जल्दी नहीं मिल पाती जिसपर हताश न हो, प्रयास करते रहें सफलता जरूर मिलेगी।
कालेज की छात्राओं ने सवाल किया कि सिविल सर्विस में जाने के लिए कोचिंग की आवश्यकता है, जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसा नहीं है सिविल सेवा में निकलने के लिए कोचिंग जरूरी है, 50 प्रतिशत् छात्र/छात्राएं बिना कोचिंग के सिविल सेवा चयनित होते हैं, इसके लिए डिसिप्लेन की आवश्यकता है।
बता दें, ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’’ भ्रमण कार्यक्रम के तहत् विकासखण्ड चकराता, कालसी, विकासनगर, सहसपुर, रायपुर, डोईवाला की 34 छात्राओं ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इससे पहले उन्हें लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी मसूरी का भ्रमण भी कराया गया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान, संयुक्त मजिस्टेªट वरूणा अग्रवाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास मोहित चैधरी, सीडीपीओ सहसपुर देव थपलिया, सीडीपीओ शहर शिखा कण्डवाल सहित विभिन्न विकासखण्ड से आई छात्राएं आंगबाड़ी सुपरवाईजर उपस्थित रही।