सांस लेना हुआ मुश्किल: दिल्ली में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा प्रदूषण, दो दिन और बिगड़ेंगे हालात; नोएडा की हवा सबसे जहरीली

नई दिल्ली।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में है। रविवार को लगातार दूसरे दिन राजधानी की हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई और यह इस सीजन का अब तक का सबसे प्रदूषित दिन साबित हुआ। पूरे दिन आसमान पर स्मॉग की मोटी परत छाई रही, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई और आम जनजीवन प्रभावित हुआ। देशभर में प्रदूषण के स्तर के मामले में दिल्ली तीसरे स्थान पर रही, जबकि एनसीआर में नोएडा की हवा सबसे अधिक जहरीली रिकॉर्ड की गई।

रविवार सुबह दिल्ली की शुरुआत घने कोहरे और धुंध के साथ हुई। जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ा, स्मॉग और गहराता चला गया। हालात इतने खराब रहे कि सफदरजंग एयरपोर्ट पर सुबह आठ बजे दृश्यता सिर्फ 200 मीटर दर्ज की गई, वहीं पालम एयरपोर्ट पर यह 350 मीटर रही। सुबह 8:30 बजे तक भी दृश्यता में कोई खास सुधार नहीं हो सका। औद्योगिक क्षेत्र वजीरपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 तक पहुंच गया, जबकि रोहिणी और आसपास के इलाकों में भी हालात बेहद चिंताजनक बने रहे।

एनसीआर में नोएडा टॉप पर

प्रदूषण के बढ़ते स्तर से बचने के लिए लोग एन95 मास्क पहनने को मजबूर दिखे। कई इलाकों में लोगों को आंखों में जलन, खांसी और सांस लेने में परेशानी की शिकायतें सामने आईं। खासकर दमा और सांस के मरीजों की मुश्किलें बढ़ गईं। दिल्ली का औसत AQI 461 दर्ज किया गया, जो शनिवार की तुलना में करीब 30 अंकों की बढ़ोतरी को दर्शाता है।

एनसीआर के अन्य शहरों की बात करें तो नोएडा में AQI 466 के साथ हवा सबसे खराब रही। गाजियाबाद में 459, ग्रेटर नोएडा में 435 और गुरुग्राम में 291 AQI दर्ज किया गया। वहीं फरीदाबाद की हवा अपेक्षाकृत बेहतर रही, जहां AQI 218 रिकॉर्ड किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है।

अगले दो दिन और बढ़ेगी परेशानी

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, रविवार को हवा पश्चिमी दिशा से करीब 5 किलोमीटर प्रति घंटे की धीमी रफ्तार से चली। अधिकतम मिक्सिंग हाइट लगभग 800 मीटर रही, जिससे प्रदूषक वातावरण में फंसे रहे। दोपहर तीन बजे पीएम10 का स्तर 448.2 और पीएम2.5 का स्तर 294.2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया।

सीपीसीबी का अनुमान है कि सोमवार और मंगलवार को भी दिल्ली-एनसीआर की हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रह सकती है। इस दौरान लोगों को आंखों में जलन, सिरदर्द, खांसी, खुजली और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

राहत की उम्मीद कम

विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में हवा की रफ्तार लगातार कम बनी हुई है और ठंड बढ़ने के साथ प्रदूषण के कण लंबे समय तक वायुमंडल में टिके रहते हैं। मौसम की यही स्थिति अगले तीन से चार दिनों तक बनी रहने की संभावना है, जिससे लोगों को प्रदूषित हवा से फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।

क्यों बिगड़ रहे हैं हालात?

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता के बिगड़ने की सबसे बड़ी वजह मौसम में आया बदलाव है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हवा की गति काफी कम हो गई है। स्काईमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत के मुताबिक, धीमी हवा के कारण वाहनों का धुआं, निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल और अन्य प्रदूषक ऊपर नहीं जा पाते और जमीन के पास ही जमा रहते हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक होता जा रहा है।

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