हरिद्वार: कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी कुंभ मेला स्वास्थ्य अधिकारी अर्जुन सिंह से पूछताछ कर रही है।
पूछताछ बंद कमरे में की जा रही। बता दें कि हरिद्वार महाकुंभ के दौरान एक लाख कोरोना रिपोर्ट संदेह के घेरे में है। इस मामले में डीजीपी अशोक कुमार का भी बयान आया है।
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा
मैंने हरिद्वार के एसएसपी को निर्देश दिए है कि आरटीपीसीआर टेस्टिंग घोटाले में जो 5-6 गंभीर बिंदु सामने आए हैं, उनकी एसआईटी गहराई से जांच करे। एसआईटी लैब के श्एग्रीमेंट एक्सपायरीश् समेत अन्य मुद्दों की जांच कर रही है। दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
इस मामले का खुलासा होने के बाद हरिद्वार जिलाधिकारी सी। रविशंकर के आदेश पर हरिद्वार सीएमओ शंभूनाथ झा ने हरिद्वार की नगर कोतवाली में मैक्स सर्विस कॉरपोरेट और उसकी दो अनुबंध (दिल्ली की लालचंदानी और हिसार की नलवा) लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
हालांकि जिला प्रशासन और कुंभ मेला प्रशासन ने पहले ही इस मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं मामले की विवेचना के लिए जिला स्तर पर हरिद्वार एसएसपी ने एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने पहले दिन से ही इस मामले की जांच शुरू कर दी थी।
हरिद्वार एसएसपी ने सीओ बुग्गावाला राकेश रावत की अध्यक्षता में 8 सदस्यों की एसआईटी बनाई गई थी। नगर कोतवाल राजेश शाह को इसमें जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। एसपी सिटी के सुपरविजन में ये एसआईटी काम कर रही है।
क्या है मामला
बता दें कि कुंभ मेला 2021 के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की एक प्राइवेट लैब द्वारा की गई कोरोना जांच अब सवालों के घेरे में आ गई है। क्योंकि कुंभ मेले के दौरान किए गए 1 लाख कोरोना टेस्ट रिपोर्ट फर्जी मिले हैं।
प्राइवेट लैब द्वारा फर्जी तरीके से श्रद्धालुओं की जांच कर कुंभ मेला प्रशासन को लाखों रुपए का चूना लगाने का प्रयास किया गया है। इस प्राइवेट लैब द्वारा एक ही फोन नंबर को कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है।
यही नहीं, कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार नंबर का इस्तेमाल किया गया है। वहीं, एक ही घर से सैकड़ों लोगों की जांच का मामला भी सामने आया है, जो असंभव सा लगता है, क्योंकि सैकड़ों लोगों की रिपोर्ट में घर का एक ही पता डाला गया है।
इस मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने जांच कमेटी का गठन कर 15 दिन में रिपोर्ट पेश के आदेश दिए थे।
ऐसा हुआ था खुलासा
हरिद्वार कुंभ में हुए टेस्ट के घपले का खुलासा पंजाब के रहने वाले एक एलआईसी एजेंट के माध्यम से हुआ है।
पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले एक शख्स विपन मित्तल ने हरिद्वार कुंभ में कोविड जांच घोटाले की पोल खोली। विपन मित्तल के मुताबिक उन्हें उत्तराखंड की एक लैब से फोन आया था, जिसमें उन्हें बताया गया कि श्आप की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जिसे सुनते ही वे भौचक्के रह गए। क्योंकि उन्होंने कोई कोरोना की कोई जांच ही नहीं कराई थी।
ऐसे में विपन ने फौरन स्थानीय अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। स्थानीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैए को देखते हुए विपिन ने तुरंत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद से शिकायत की।
आईसीएमआर ने दिखाई सतर्कता
आईसीएमआर ने घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा। वहीं यह पूरा मामला यहीं नहीं थमा। इसके बाद उत्तराखंड सरकार से होते हुए ये शिकायत स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी के पास पहुंची।
जब उन्होंने पूरे मामले की जांच कराई, तो बेहद चैंकाने वाले खुलासे हुए। स्वास्थ्य विभाग ने पंजाब फोन करने वाले शख्स से जुड़ी लैब की जांच की तो परत-दर-परत पोल खुलती गई। अब एक लाख से ज्यादा जांच संदेह के घेरे में आ चुकी है।